Uncategorized

भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री ब्राह्मण सभा फिरोजपुर द्वारा भगवान श्री परशुराम मंदिर प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा का किया गया आयोजन

भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री ब्राह्मण सभा फिरोजपुर द्वारा भगवान श्री परशुराम मंदिर प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा का किया गया आयोजन

श्री ब्राह्मण सभा, प्राचीन शिवाय मंदिर और अमृतवेला प्रभात सोसायटी सदस्यों के सहयोग से देवी द्वारा मंदिर से कलश यात्रा भी निकल गई।

(पंजाब) फिरोजपुर 23 अप्रैल {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=

भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में श्री ब्राह्मण सभा नमक मंडी भगवान श्री परशुराम मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत की गई इसके उपलक्ष्य ब्राह्मण सभा के सदस्यों द्वारा प्राचीन शिवालय मंदिर और अमृतवेला प्रभात सोसायटी के सदस्यों के सहयोग से देवी द्वारा मंदिर से कलश यात्रा निकल गई। जो कि भगवान श्री परशुराम मंदिर नमक मंदिर में संपन्न हुई ।इस अवसर पर सभा के सदस्यों ने नाचते गाते और श्री विष्णु के छठे अवतार भगवान श्री परशुराम के जयकारों के साथ मंदिर प्रांगण में कलश स्थापित किए गए। अपने प्रवचनों में वृंदावन से पधारे कथावाचक विनायक शास्त्री जी ने बताया कि जहां भी भागवत कथा होती है उसके आसपास का एरिया भी शुद्ध हो जाता है। श्रीमद् भागवत कथा का प्रचलन प्राचीन काल में हुआ था । भागवत कथा को सबसे पहले भगवान नारायण ने ब्रह्मा जी को और ब्रह्मा जी ने यह कथा नारद जी को सुनाई थी। नारद जी ने सनाकादि ऋषियों को सनाकादि ऋषियों ने सुत जी को उन्होंने शौनक ऋषि को कथा सुनाई थी। विशेष रूप से भागवत पुराण की रचना के बाद यह कथा वेदव्यास ने लिखी थी। जिसे उन्होंने राजा परीक्षित और अपने बेटे शुकदेव को सर्वप्रथम सुनाई थी। विनायक शास्त्री जी ने कथा में बताया की श्रीमद् भागवत कथा का मंगलाचरण जन्माध्स्य यत: श्लोक है जो ब्रह्मसूत्र के चतु:सुत्री के जितिया सूत्र से लिया गया है। यह श्लोक सृष्टि के आरंभ, स्थिति ओर संहार का वर्णन करता है और परमात्मा के स्वरूप का संकेत देता है। श्री भागवत कथा में भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों ओर लीलाओं का वर्णन है 7 दिनों में इन रूपों और लीलाओं वर्णन होता है। जिससे भक्तों को भगवान से जोड़ने और उनके ज्ञान को प्राप्त करना का अवसर मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि 7 दोनों की कथा सुनने से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है । महाभारत के अनुसार जब राजा परीक्षित को सांपों ने काटा था तो 7 दिन में मरने का श्राप मिला था दोनों भगवान को समर्पित होने के लिए जंगल में ही जाने का फैसला कर लिया था ।

      इस अवसर पर  चेयरमैन अरुण मच्छराल, प्रधान नरेश शर्मा , संरक्षक परमवीर शर्मा उप चेयरमैन प्रवीण शर्मा, महासचिव वीरेंद्र शर्मा काकू,कोषाध्यक्ष सूरज कुमार निदू, प्रदीप सलवान, चंद्र मोहन हांडा ,करण त्रिपाठी,सूरज मेहता ,दीपक जोशी ,राजेश वासुदेव, सचिन नारंग, मनमोहन सियाल , प्रदीप चान्ना, उपस्थित रहे प्रधान नरेश शर्मा ने बताया अमृतवेला प्रभा सोसाइटी,प्राचीन शिवालय मंदिर जीरा गेट, एक प्रयास वेलफेयर सोसायटी और भक्ति भजन ग्रुप, इंसानियत सेवादल के सदस्यों का भी  सहयोग मिला। उन्होंने सभी सहयोगी सज्जनों का तहि दिल से धन्यवाद किया और रोजाना कथा में आने का आग्रह किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel