कुरुक्षेत्र में 740 ग्राम के नवजात बच्चे का हुआ सफल इलाज।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मात्र 740 ग्राम के पैदा हुए बच्चे को सफल इलाज के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी।
नवजात शिशु देखभाल इकाई के स्टाफ की मेहनत से हुआ सफल इलाज।
नवजात शिशु देखभाल इकाई को एक बार फिर मिली सफलता।
कुरुक्षेत्र, 9 मई : कुदरत का खेल अनोखा है। अगर परमात्मा ने धरती पर जीवन दिया है तो कोई भी माध्यम बन सकता है। ऐसा ही एक घटना धर्मनगरी में हुई और डाक्टरों की मेहनत व कुशलता ने मां बाप के जीवन में खुशियां भर दी।
कुरुक्षेत्र में नवजात शिशु देखभाल इकाई में एक नवजात बच्चे की करीब 81 दिन तक सफलतापूर्वक देखभाल की गई। कुरुक्षेत्र के कीर्ति नगर की मां ममता के लिए यह खुशियों के क्षण थे जब उस के नवजात बच्चे को कुशलतापूर्वक डाक्टरों की टीम द्वारा सौंपा गया। 81 दिन के बच्चे का जब जन्म हुआ था उस समय वजन केवल 740 ग्राम था। डाक्टरों की टीम के अनुसार बच्चे को बहुत ही गंभीर स्थिति में एल.एन.जे.पी. हॉस्पिटल के नवजात शिशु देखभाल इकाई विभाग (एस.एन.सी.यू.) में लाया गया था। डाक्टरों की टीम द्वारा बच्चे की स्थिति बताने के बावजूद मां ने बच्चे का यहीं इलाज करवाने की इच्छा जताई। डाक्टरों के अनुसार बच्चे को जन्म से ही सांस लेने में दिक्कत थी और फेफड़े भी पूरी तरह से बने नहीं थे।
नवजात बच्चे को इलाज के दौरान चार बार खून चढ़ाया गया। कई बार बच्चे को ऑक्सीजन लगाई गई। दो बार बच्चे को एंटीबायोटिक भी दिया गया। बच्चे को जब जब सांस लेने में दिक्कत हुई उसी के अनुसार ऑक्सीजन दी गई। बच्चे के जन्म से लेकर 81 दिन तक हॉस्पिटल के संसाधनों से ही इलाज किया गया। बाहर से कुछ भी नहीं मंगवाया गया।
हॉस्पिटल के नवजात शिशु देखभाल इकाई विभाग के डाक्टरों की टीम, स्टाफ नर्सों एवं अन्य स्टाफ ने बच्चे की कर्तव्यनिष्ठा से देखभाल की। डॉक्टरों की टीम डा. विनीता, डा. अनिल त्यागी, डा. सुरेंद्र राणा, डा. श्रेया अग्रवाल, डा. साहिल इत्यादि ने इस जिम्मेवारी को चुनौतीपूर्ण कार्य के रूप में लिया। बड़े संयम से 81 दिन तक नवजात बच्चे का उपचार किया। बच्चे के इलाज में नर्सिग ऑफिसर इशारो देवी, राजनदीप , गुरजिंदर, लोकेश धवन व कंगारू मदर केयर श्यामा का विशेष सहयोग रहा। अस्पताल से जिस समय बच्चे को छुट्टी दी गई परिजन के चेहरों पर प्रसन्नता देखने लायक थी।
बच्चे को अभिभावकों को सौंपते हुए डाक्टरों की टीम तथा बच्चे को गोद में लिए हुए मां।