गुरु पूर्णिमा का त्यौहार गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव प्रकट करने का महापर्व : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जग ज्योति दरबार में मनाई गई गुरु पूर्णिमा।
महंत राजेंद्र पुरी ने गुरु पूर्णिमा पर दी शुभकामनाएं।
कुरुक्षेत्र, 3 जुलाई : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने देश एवं प्रदेश वासियों को गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं देते हुए सर्व कल्याण की कामना की। महंत राजेंद्र पुरी ने गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए जीवन में हर इंसान को एक गुरु धारण करने की सलाह दी।
महंत राजेंद्र पुरी ने दरबार में आए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया और जीवन में तरक्की तथा उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना की। इसके उपरांत पंच दशनाम जूना अखाड़े से अपने गुरु महंत रुद्र पूरी का आशीर्वाद लिया। गुरु पूर्णिमा पर आयोजित विशाल भंडारे और जागरण में गुरु पूर्णिमा बारे जानकारी देते हुए कहा कि हर वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि गुरु पूर्णिमा का त्यौहार अपने गुरु के प्रति आस्था और प्रेम भाव प्रकट करने का महापर्व होता है। हमारे शास्त्रों में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा रखा गया है। गुरु के दिए ज्ञान से हमें जीवन में सत्य-असत्य, धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य, सही-गलत का ज्ञान मिलता है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही रास्ता, सफलता और सुख-शांति गुरु के द्वारा दिखाए गए सच्चे मार्ग पर चलने से ही प्राप्त होता है। हिंदू परंपरा में गुरु हमेशा से ही पूजनीय माने गए हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि वेद व्यास की जयंती पर ही गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर ही महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास ने वेदों और पुराणों समेत कई ग्रंथों की रचना की थी।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि इस खास मौके पर अपने गुरुजनों की पूजा करते हुए, उनका आभार व्यक्त करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हुए अपने गुरुओं और बड़ों के प्रति समर्पण ही सच्ची गुरु पूर्णिमा है।
गुरु से आशीर्वाद लेते हुए महंत राजेंद्र पुरी एवं श्रद्धालु।