Uncategorized

प्रेम की ध्वजा हैं ब्रज गोपिकाएं : स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज

प्रेम की ध्वजा हैं ब्रज गोपिकाएं : स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज।

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी, दूरभाष – 9416191877

श्रीमद्भागवत कथा में पहुंचीं लोकसभा अध्यक्ष की धर्मपत्नी डॉ. अमिता विरला ने किया व्यासपीठ का पूजन- अर्चन।

वृन्दावन : छटीकरा रोड़ स्थित ठाकुर श्रीराधा गिरिधर गोपाल मन्दिर परिसर में चल रहे अष्ट दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ पर आसीन स्वामी गिरीशानन्द सरस्वती महाराज ने देश-विदेश से आए समस्त भक्तों- श्रृद्धालुओं को महारास लीला, मथुरा गमन, कुब्जा पर कृपा, कंस वध, वसुदेव-देवकी की कारावास से मुक्ति, उद्धव-गोपी संवाद और श्रीकृष्ण-रूक्मणी विवाह आदि प्रसंगों की कथा श्रवण कराई।
महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में पधारीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की धर्मपत्नी डॉ. अमिता बिरला एवं विश्व हिंदू महासंघ भारत, मठ मन्दिर प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष पण्डित आर. एन. द्विवेदी (राजू भैया) ने संयुक्त रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य श्रीमद्भागवत ग्रंथ का पूजन-अर्चन किया।साथ ही स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
व्यासपीठ से प्रख्यात संत स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने उद्धव-गोपी संवाद का प्रसंग श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण प्रेम के वशीभूत हैं और ब्रज गोपिकाएं प्रेम की ध्वजा हैं। भगवान श्रीकृष्ण के प्रति ब्रज गोपियों के प्रेम की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है।
परम् श्रद्धेय पूज्य स्वामी गिरीशानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि ब्रज वृन्दावन की रज के कण-कण में प्रेम निवास करता है। यह ऐसी दिव्य भूमि है जहां पर उद्धव जैसे ब्रह्मज्ञानी भी ब्रज गोपियों के सम्मुख आते ही अपने ब्रह्मज्ञान के अहंकार से मुक्त हो गए थे। इसीलिए इस पावन ब्रज भूमि को शिव, ब्रह्मा और सनकादिक आदि शीश नवाते हैं।
इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह की अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक झांकी सजाई गई। साथ ही विवाह से संबंधित बधाईयों व भजनों का संगीत की मृदुल स्वर लहरियों के मध्य गायन किया गया।
कार्यकम में संत प्रवर स्वामी माधवानंद महाराज, स्वामी महेशानंद सरस्वती महाराज, स्वामी गोविंदानंद सरस्वती महाराज, सोमकांत द्विवेदी, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, महोत्सव के मुख्य यजमान श्रीमती सरला-राजेन्द्र खेतान, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी आदि की उपस्थिति विशेष रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me