भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी की महिमा अपरंपार है : आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज।
सेंट्रल ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी।
वृन्दावन ( महेश्वर गुरागाई) : रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में द भागवत मिशन फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रहे अष्टदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ एवं गुरु पूर्णिमा महोत्सव में देश-विदेश से आए असंख्य भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कराते हुए विश्वविख्यात भागवत रत्न आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी केवल वाद्य यन्त्र नहीं है, अपितु गोपियों के प्रेम का प्रमुख उद्घोषक है।क्योंकि वंशी की मधुर ध्वनि को सुनते ही गोपियों के हृदय में प्रेम भक्ति का समावेश हुआ था। जिसका बखान श्रीमद्भागवत के दशवें स्कन्ध के 21 वें अध्याय में 20 श्लोकों में विस्तार से वर्णित है।
आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी में साक्षात स्वर साम्राज्ञी मां सरस्वती का वास है। साथ ही समस्त स्वर व राग-रागनियां उसमें विद्यमान हैं।इसीलिए उनकी बांसुरी की महिमा अपरंपार है।
इस अवसर पर आयोजन के मुख्य यजमान मुरलीधर अग्रवाल (बडविल, उड़ीसा) वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पंडित शिवनारायण मिश्रा, आचार्य किशोर कुमार शर्मा, आचार्य प्रमोद मिश्रा (राजा पंडित), आचार्य उमाशंकर शुक्ला, आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, डॉ. राधाकांत शर्मा, अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।