वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आईटीआई में युवाओ को सकारात्मक चिंतन व नैतिक शिक्षा के दिए टिप्स।
कुरुक्षेत्र 29 मार्च :
ब्रह्माकुमारीज : मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से पधारे बी.के. भगवान भाई ने कहा कि भौतिक शिक्षा से हम रोजगार प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन परिवार, समाज, कार्यस्थल में परेशानी या चुनौती का मुकाबला नहीं कर सकते। युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बन कर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं, परंतु इससे उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता। सिर्फ नैतिक शिक्षा से ही युवाओं को नई दिशा मिल सकती है। भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वांगीण विकास होगा। वे राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था में युवाओं को सकारात्मक चिंतन और नैतिक शिक्षा से सशक्त युवा विषय पर टिप्स दे रहे थे।
भगवान भाई ने कहा कि इस यांत्रिकी शिक्षा के साथ चरित्रवान, गुणवान, संस्कारवान बनने की शिक्षा लेना भी जरुरी है। नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में निखार और व्यवहार में सुधार आता है। नैतिक मूल्यों का ह्रास व्यक्तिगत, सामाजिक, राष्ट्रीय समस्या का मूल कारण है। समाज सुधार के लिए नैतिक मूल्य जरूरी है। उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा की धारणा, आंतरिक सशक्तिकरण व इच्छाओं को कम कर भौतिकवाद की आंधी से बचा जा सकता है। व्यक्ति का आचरण उसकी जुबान से ज्यादा तेज बोलता है। चरित्रवान, गुणवान युवा समाज और देश की नीव है।
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में श्रेष्ठ मूल्य है, तो दूसरे उससे प्रमाणित होते हैं। जीवन में नैतिक मूल्य होंगे, तो आदमी लालच, हिंसा, झूठ, कपट का विरोध करेगा और समाज में परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा नैतिकता से मनोबल कम होता है। उन्होंने कहा कि मूल्यों की शिक्षा से ही हम जीवन में विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। जब तक हम अपने जीवन में मूल्यों और प्राथमिकता का निर्धारण नहीं करेंगे। अपने लिए आचार संहिता नहीं बनाएंगे, तब तक हम चुनौतियों का मुकाबला नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है। उन्होंने कहा कि जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है, तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र सेक्टर-8 की प्रभारी बी.के. मधु बहन ने ब्रह्माकुमारी संस्थान की गतिविधियों और उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों से व्यक्तित्व में निखार, व्यवहार में सुधार आता है। जगमोहन सिंह ने कहा कि नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकारमय हैं। नैतिक शिक्षा ही मनुष्य को ‘मानव’ बनाती है।
कार्यक्रम में जगवीर सिंह, सुरेन्द्र शर्मा, रोबिन, रोहित, गुरमीत, बी.के सपना बहन और शिक्षक स्टाफ भी मौजूद रहा। अंत में मन की एकाग्रता हेतु बी.के भगवान भाई ने राजयोग मेडिटेशन भी सभी बच्चो को सिखाया।