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देश की युवा शक्ति ही देश के भावी भविष्य, प्रगति व उत्थान का मजबूत स्तंभ होती है : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विद्यार्थियों द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों के सर्वागीण विकास के निमित्त आयोजित द्वि दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन एवं युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र 17 अप्रैल : देश की युवा शक्ति ही देश के भावी भविष्य, प्रगति व उत्थान का मजबूत स्तंभ होती है, चाहे कोई भी देश हो, यह हर उस देशवासी के संदर्भ में होती है। युवा शक्ति देश और समाज की रीढ़ होती है। युवा ही देश और समाज को नए शिखर पर ले जाते हैं। युवा देश का वर्तमान है तो भूतकाल और भविष्य काल के सेतू भी हैं। युवा देश और समाज के जीवन मूल्यों के प्रतीक हैं। समाज को बेहतर बनाने और राष्ट्र के निर्माण में सर्वाधिक योगदान युवाओं का ही होता है। युवा हमारे राष्ट्र भविष्य हैं तथा जनसंख्या के सबसे गतिशील खंड का प्रतिनिधित्व भी करते है।
यह विचार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विद्यार्थियों द्वारा मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों के सर्वागीण विकास के निमित्त आयोजित द्वि दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर के समापन अवसर पर आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किये।कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रवंदना से हुआ। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित इस इस ग्रीष्मकालीन शिविर मे छात्रा हुनर, छात्रा भावना धीमान, छात्रा खुशी गर्ग, छात्र स्मित और छात्र चिराग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस ग्रीष्मकालीन शिविर में बच्चों के सर्वांगीण विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें टैलेंट हंट, पौधारोपण, हैंड प्रिंटिंग, नाटक, म्यूजिकल चेयर, बैलून बैलेंसिंग और क्विज प्रतियोगिता प्रमुख रहीं। सभी गतिविधियों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। हर गतिविधि में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को ‘स्टार विनर’ के रूप में सम्मानित किया गया, जिनमें कार्तिक सिंघानिया ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, तथा कार्तिक अरोड़ा, जीत सिंह गिल, हनी सिंह और मनीष ने सराहनीय प्रदर्शन किया।
मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विद्यार्थियो के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहे हों, उनके मुख्य आधार युवा ही रहे हैं। भारत में भी युवाओं का एक समृद्ध इतिहास है। प्राचीनकाल में आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी ने अपनी युवावस्था में ही धर्म और समाज सुधार का बीड़ा उठाया था।अगर वर्तमान भारत की बात की जाए तो यह दुनिया का सबसे युवा देश है। जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक भारत में पच्चीस वर्ष तक की आयु वाले लोग कुल जनसंख्या के पचास फीसद हैं, वहीं पैंतीस वर्ष तक वाले कुल जनसंख्या के पैंसठ फीसद हैं। जनसंख्या का इतना बड़ा हिस्सा राष्ट्र के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा युवाओें को एक उन्नत और आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है। यह सच है कि जितना योगदान देश की प्रगति में कल-कारखानों, कृषि, विज्ञान और तकनीक का है, उससे बड़ा और महत्त्वपूर्ण योगदान स्वस्थ और शक्तिशाली युवाओं का होता है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ युवाओं से ही मिलती है राष्ट्र को मजबूती। देश के युवा पीढ़ी के संकल्प एवं दृढ इच्छा शक्ति से ही भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा। समापन कार्यक्रम मे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के विद्यार्थियो ने मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर मे संचालित समस्त सेवा कार्यो को युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी बताया और अनुभव साँझा किये। कार्यक्रम का संचालन आश्रम सदस्य सुरेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन शन्तिपाठ से हुआ। कार्यक्रम मे विद्यालय के सदस्य, शिक्षक, विद्यार्थी सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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