ये पहली जीत है फरसाधारियों, मुंडनधारियों और 36 बिरादरी के भाईचारे की : जयहिन्द।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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ये जमीर नहीं जमीन की लड़ाई थी : जयहिंद।
जमीन सरकार के रहम से नही, फरसे के दम से ली : जयहिंद।
21 मई को जन्मोत्सव के जश्न की करो तैयारी, आ रहें है फरसाधारी : जयहिंद।
रोहतक : आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पेरावर की जमीन आधिकारिक रूप से गौड़ विद्या प्रचारिणी संस्था को सौंप दी है।
जमीन को अधिकारिक रूप से गौड़ संस्था को दिए पर नवीन जयहिंद ने कहा कि है यह फरसाधारियों व मुंडनधारियों की जीत है।
रविवार 21 मई को पहरावर में परशुराम के भगत इस जीत को जश्न के रूप में मनाएंगे।
सरकार ने फरसा धारियों के सामने घुटने टेक दिए हैं।
जयहिंद ने कहा कि जो मुख्यमंत्री कभी ब्राह्मणों का गर्दन काटने की बात कर रहे थे आज वही उन्हें। सम्मान ब्राह्मणों को पेरावर की जमीन सौंप रहे है।
यह सिर्फ 36 बिरादरी के भाईचारे की वजह से ही संभव हो पाया है।
जयहिन्द ने बताया कि 21 मई रविवार को पहरावर की जमीन पर ही भगवान परशुराम जन्मोत्सव मनाया जाएगा और दो हेलीकॉप्टरो से फूलों की वर्षा करवाई जाएगी।
जयहिंद ने कहा कि भक्तों के मान सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी चाहे अपने शरीर के अंग ही क्यों न बेचने पड़े ।
21 मई को पहरावर में मनाए जा रहे भगवान परशुराम जन्मोत्सव में सभी 36 बिरादरी के न्यौता है और 104 वर्षीय दादा दुलीचंद महामुख्यतिथि रहेंगे और जिन्होंने मुंडन करवा रखा है वे मुख्यतिथि है, बाकी सब विशिष्ट अतिथि रहेंगे व अगर कोई नेता जन्मोत्सव में आना चाहता है तो वह भी मुंडन करवाकर आए।
साथ ही जयहिन्द ने कहा कि मन्दिर निर्माण के लिए सभी साथी 1-1 ईंट लेकर 21 मई को पहरावर पहुंचे क्योंकि वहां पहले बनेगा भगवान परशुराम मन्दिर ओर फिर बनेगा शिक्षा का मन्दिर।
जमीन वापसी का श्रेय सिर्फ और सिर्फ उन फरसाधारियों, मुंडनधारियों और 36 बिरादरी के भाईचारे को है जो पिछले साल पहरावर फरसे लेकर पहुंचे थे।
जयहिंद ने कहा कि यह जमीन नहीं जमीर की लड़ाई थी और इस लड़ाई को हमने भाईचारे के दम पर जीता है। भोलेनाथ व परशुराम के आशीर्वाद से यह जमीन मिली है।
जो मुख़्यमंत्री कंस मामा ब्राह्मणों को कमजोर समझ रहा था वो 21 मई रविवार को पहरावर आकर देख ले कि ब्राह्मण बोद्दा है या योद्धा है।
जन्मोत्सव के जश्न की करो तैयारी, आ रहें है फरसाधारी : जयहिंद।
नवीन जयहिंद ने कहा कि भगवान परशुराम जन्मोत्सव के जश्न की तैयारी की जा रही है और मुंडनधारी व फरसाधारी इस जश्न में शामिल होंगे।
36 बिराधारी का भाईचारा ग्रहण करेगा भगवान परशुराम का देशी घी का प्रसाद।