बिहार: पोषण को बढ़ावा देने के लिए सेविकाओं ने कराया बच्चे का अन्नप्राशन

पोषण को बढ़ावा देने के लिए सेविकाओं ने कराया बच्चे का अन्नप्राशन:

-सोशल डिस्टेंसिंग और हमेशा मास्क का प्रयोग करने का भी निर्देश: डीपीओ
-महिलाओं को दी गई अनुपूरक आहार की जरूरत सम्बधी जानकारी: केयर इंडिया

पूर्णिया, 19 मई। आंगनबाड़ी केन्द्रों में हर माह 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है। कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए ज़िले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं द्वारा 06 माह के शिशुओं को खीर खिलाकर उनका अन्नप्राशन कराया गया। सेविकाओं द्वारा शिशुओं को अन्नप्राशन कराने के साथ ही सभी स्थानीय लोगों को सही पोषण की जानकारी देने एवं उसके उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया। अन्नप्राशन कार्यक्रम के संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राखी कुमारी ने बताया कि नवजात शिशुओं में कुपोषण को दूर करने के लिए उन्हें सही पोषण दिया जाना जरूरी होता है। पोषण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रत्येक महीने के 19 तारीख को अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है। वहीं स्थानीय नागरिकों को आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा पोषण के प्रति जागरूक भी किया जाता है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सेविकाओं द्वारा शिशुओं के परिजनों को पोषण की जानकारी दी जाती है।

-सोशल डिस्टेंसिंग और हमेशा मास्क का प्रयोग करने का भी निर्देश: डीपीओ
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राखी कुमारी ने जिले के नागरिकों से कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए उसके नियमों का पालन करते हुए अपने कार्यो का निर्वहन करने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इसलिए लोगों को इससे सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को कोविड-19 टीकाकरण की पहली डोज़ लेने वाले लाभार्थियों को दूसरी डोज़ लेने के लिए अपील भी की है।
06 माह बाद स्तनपान के साथ शिशुओं को अनुपूरक आहार भी दिया जाना जरूरी होता है। स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशुओं को सुपाच्य खाना देना चाहिए। शिशुओं को माल्टिंग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दें, क्योंकि माल्टिंग से तैयार आहार से शिशुओं को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। न खाने की स्थिति में भी थोड़ी-थोड़ी ऊपरी आहार शिशु को दिन में कई बार देते रहना चाहिए जिससे कि उसे खाने की आदत लग सके।

-महिलाओं को दी गई अनुपूरक आहार की जरूरत सम्बधी जानकारी: केयर इंडिया
केयर इंडिया के डीटीओ (ऑन) अमित कुमार ने बताया कि अन्नप्राशन के दौरान केन्द्र में उपस्थित महिलाओं को शिशुओं के लिए 6 माह के बाद के ऊपरी आहार को लेकर धात्री महिलाओं एवं अभिभावकों को जानकारी दी गयी। 06 माह से 09 माह के शिशुओं को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 09 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाना चाहिए। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जियां और पीले नारंगी फल को शामिल करना चाहिए। इससे शिशुओं में कुपोषण की सम्भावना नहीं होगी और वह स्वास्थ्य रह सकेंगे।

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