जयराम विद्यापीठ में दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ मां दूर्गा के विभिन्न स्वरूपों का हुआ पूजन

जयराम विद्यापीठ में दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ मां दूर्गा के विभिन्न स्वरूपों का हुआ पूजन।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान से होता है दुश्मनों का विनाश।
कुरुक्षेत्र, 2 अप्रैल : देशभर में फैली जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से जयराम विद्यापीठ में नवरात्रों के अवसर पर विद्वान ब्राह्मणों एवं ब्रह्मचारियों द्वारा निरंतर श्री दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान किया जा रहा है। नौ दिवसीय नवरात्र दुर्गा पाठ अनुष्ठान करवा रहे आचार्य प्रतीक शर्मा ने बताया कि मां दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। दुर्गा सप्तशती पाठ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। इस अनुष्ठान से बिगड़े हुए ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है और सौभाग्य इस विधि के बाद साथ देने लगता है। आचार्य प्रतीक ने बताया कि वेदों में दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान की महिमा के बारे में यहाँ तक बोला है कि अनुष्ठान के बाद दुश्मन कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इसी अवसर पर चौथे दिन अनुष्ठान के उपरांत कन्या पूजन किया गया। विद्यापीठ में ब्रह्मचारी और ब्राह्मण नियमित दुर्गा सप्तशती पाठ कर रहे हैं।
इस अवसर पर सत्यवान ब्रह्मचारी, केके कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ में नवरात्र अवसर पूजन करते हुए ब्रह्मचारी एवं ब्राह्मण।