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गांव कडामी के बचना राम की पार्थिव देह मेडिकल शोध के लिए दान किया

पिपली, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 14 सितंबर : पिपली के गांव कडामी निवासी 82 वर्षीय स्व. बचना राम इन्सां की मृत्यु के बाद पार्थिव देह को मेडिकल शोध के लिए दान किया गया है। डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु बचना राम इन्सां का देहांत शनिवार देर रात्रि हो गया था। उनकी इच्छा के अनुसार परिवार ने रविवार को उनकी पार्थिव देह का दान किया गया। उनकी पार्थिव देह को सैंकड़ों शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों, परिजनों व रिश्तेदारों की मौजूदगी में एसकेएस मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सैंटर मथुरा में एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया है। जैसे ही बचना राम इन्सां की पार्थिव देह को ले जाया जा रहा था तो मानव श्रृंखला में शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर कमेटी के सेवादारों ने शरीरदानी को भावभिनी श्रद्धांजलि दी व शरीरदानी बचना राम इन्सां अमर के नारों से पूरा गांव गूंज गया। इस दौरान देखा गया कि हर कोई शरीरदानी बचना राम इन्सां को नमन कर रहा था। बचना राम इन्सां अपने पीछे दो बेटों सुखदेव व ओमप्रकाश, बेटियोंं बिद्या देवी, बेबी, अन्नू बाला व सुखदेवी के अलावा पौत्री सिमरन व नविता और पौत्र गुरप्रीत व शुभम को छोड़ गए हैं। इस मौके पर गांव के सरपंच सन्नी, डेरा सच्चा सौदा के सच्चे नम्र सेवादार जसबीर सिंह, जगस्वर्ण, कृष्ण, मा. ओमप्रकाश, राजकुमार मैहता, सतीश नारंग, समेत सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।
कडामी गांव के सरपंच सन्नी ने कहा कि पूरा गांव गौरवांवित कर रहा है कि ऐसे महान सेवादार गांव कडामी में पैदा हुए, जिन्होने मरणोपरांत भी शरीर का दान किया गया है। बचना राम इन्सां के प्रति पूरे गांव के मन में सम्मान है। मैं ऐसे महान सेवादार को नमन करता हूँ। बचना राम के पुत्र सुखदेव ने कहा कि वे जीते जी कहते थे कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर का दान किया जाए। उन्होने जीते जी ही डेरा सच्चा सौदा में शरीरदान का फार्म भर कर प्रण किया हुआ था। वे हमेशा ही कहते थे कि उसके शरीर का दान करना न भूल जाना।
डेरा सच्चा सौदा से जसबीर सिंह व जगस्वर्ण ने कहा कि मेडिकल शोध ज्यादा हो, इसके लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा मरणोपरांत शरीरदान व आंखेदान का आह्वान किया गया है। इसी कड़ी में कडामी निवासी बचना राम इन्सां के शरीर का दान किया गया है। उन्होने कहा कि अब तब डेरा सच्चा सौदा के 2500 से ज्यादा श्रद्धालु मरणोपरांत शरीरदान कर चुके हैं।
बेटा बेटी एक समान मुहित के तहत बेटियों ने दिया कंधा।
आमतौर पर देखा जाता है कि पिता की अर्थी को बेटे ही कंधा देते हैं लेकिन बचना राम इन्सां की अर्थी को डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा बेटी एक समान के तहत उनकी बेटियों बिद्या देवी, बेबी, अन्नू बाला व सुखदेवी ने कंधा दिया।
शरीरदानी बचना राम इन्सां को अंतिम विदाई देते हुए।
बचना राम को कंधा देतीं उनकी बेटियां।

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