पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से मिलता है आलौकिक सुख।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया पापमोचनी एकादशी का महत्व।
कुरुक्षेत्र, 4 अप्रैल : मारकंडा नदी के तट पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में संत महापुरुषों द्वारा 5 अप्रैल को श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ सर्वकल्याण की भावना से पूजन किया जाएगा। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि धर्म के अनुसार वैसे तो हर एकादशी व्रत का बहुत ही महत्व माना जाता है। साल में कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना खास महत्व होता है और इसी तरह चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि भी बहुत खास माना गया है। जिसे पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि इस दिन पूजन से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन के हर मोड़ पर सफलता हासिल होती है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी पृथ्वी पुरी, बिल्लू पुजारी, दर्शन, गोपाल व हरिओम इत्यादि भी मौजूद रहे।
जानकारी देते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।