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आदर्श समाज के निर्माण में योग एक शक्तिशाली उपकरण है : डा. श्रीप्रकाश मिश्र

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित त्रिवदिवसीय कार्यक्रम के शुभारम्भ पर आदर्श समाज के निर्माण में योग की भूमिका विषय पर योग संवाद कार्यक्रम संपन्न।

कुरुक्षेत्र 20 जून : योग मनुष्य को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाने के साथ-साथ, एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग न केवल व्यक्तिगत विकास का मार्ग है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और एकता को भी बढ़ावा देता है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, जिससे व्यक्ति बेहतर ढंग से अपने सामाजिक दायित्वों को निभा सकता है। यह विचार अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में मातृभूमि शिक्षा मंदिर द्वारा आयोजित त्रिवदिवसीय कार्यक्रम के शुभारम्भ पर आदर्श समाज के निर्माण में योग की भूमिका विषय पर योग संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने व्यक्त किये। योग संवाद कार्यक्रम का शुभारम्भ योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण एवं भारतमाता के चित्र पर माल्ययार्पण, दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। योग संवाद कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थियों विभिन्न योग आसन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
योग संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा आदर्श समाज के निर्माण में योग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, बल्कि सामाजिक सद्भाव और नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देता है। योग के अभ्यास से व्यक्ति में सहनशीलता, सहानुभूति,और आत्म- नियंत्रण जैसे गुण विकसित होते हैं, जो एक बेहतर समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं। योग के माध्यम से, व्यक्ति अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है। नियमित योग अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद कम होता है, और एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है। एक स्वस्थ व्यक्ति समाज के लिए अधिक सकारात्मक योगदान दे सकता है।
डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा योग के अभ्यास से व्यक्ति में दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम की भावना विकसित होती है। यह दूसरों के साथ बेहतर संबंध बनाने, सहयोग करने और एक-दूसरे की मदद करने में मदद करता है। योग नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा देता है। योग के अभ्यास से व्यक्ति में ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और अहिंसा जैसे गुण विकसित होते हैं। ये गुण एक न्यायपूर्ण और समतावादी समाज के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।योग एक शक्तिशाली उपकरण है जो एक आदर्श समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात भागवद कथावाचक आचार्य गोपाल शरण जी महाराज ने मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त लोक मंगल के सेवा प्रकल्पों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा योग का प्रमुख उद्देश्य व्यक्ति के जीवन में अंधकार को दूर करना और प्रकाश की ओर ले जाना अर्थात समाज में सकारात्मक प्रदान करना है। आजकल के जीवन शैली में लोग अपनी शारीरिक और मानसिक अवस्था को नकारात्मकता के द्वारा बिगाड़ते चले जा रहे हैं, जिसका असर कहीं ना कहीं उनके मन शरीर और आत्मा तीनों पर पड़ता है। मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा वैदिक सनातन धर्म एवं संस्कृति के प्रचार प्रसार के क्षेत्र विशेष योगदान के लिए भागवद कथावाचक आचार्य गोपाल शरण जी महाराज को श्रीफल, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन मातृभूमि सेवा मिशन के वरिष्ठ सदस्य विजय सैनी ने किया। आभार ज्ञापन धर्मपाल ने किया। कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ। कार्यक्रम में सुरेंद्र सिंह, एडवोकेट गुलशन, गुरविंदर सिंह, अमित कुमार, रणजीत, भारत भूषण सहित मातृभूमि सेवा मिशन के सदस्य, मातृभूमि शिक्षा मंदिर के विद्यार्थी, शिक्षक एवं अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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