स्मार्ट टीवी पर खगोलीय घटनाओं पर आधारित कार्यक्रम दिखाया
22 दिसम्बर को रहेगा साल का सबसे छोटा दिन
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज,खगोलीय घटनाओं पर आधारित साल के सबसे बड़ा दिन, सबसे छोटा दिन, सबसे बड़ी रात, सबसे छोटी रात के विषय वस्तु को लेकर छात्र छात्राओं की समझ को स्थाई करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालय जोगीठेर में विज्ञान अध्यापिका गीता यादव और संकुल शिक्षक मोहन सिंह के नेतृत्व में स्मार्ट टी वी के माध्यम से कक्षा 6 से 8 के छात्र छात्राओं को एक कार्यक्रम दिखाया गया। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं को बताया गया कि, मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है लेकिन वह दिन, जिस दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है। उसे शीतकालीन संक्रांति कहते हैं, जिसकी शुरुआत 21 दिसंबर से हो रही है। आमतौर पर भारतीय पारंपरिक कैलेंडर चंद्रमा की स्थिति पर आधारित है, और संक्रांति एक सौर घटना है। इस लिए इस दिन को ऋतु परिवर्तन का प्रतीक भी माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हमारे ग्रह पर जीवन और भोजन के लिए सौर ऊर्जा को धन्यवाद देने के लिए इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। संक्रांति के बाद दिन बड़े होने लगते हैं और सूर्य की किरणें तेज़ हो जाती हैं। शीतकालीन संक्रांति जिसे, विंटर सॉलस्टिस भी कहा जाता है में सॉलस्टिस शब्द लैटिन सोल (सूर्य) और सिस्टर (न हिलना) से अर्थ है, सर्दियों में सूर्य का स्थिर रहना। पृथ्वी झुकी हुई है और सूर्य के चारों ओर अण्डाकार रूप में घूमती है। इसके कारण, वह बिंदु जहां से सूर्य चमकता है वह मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच चलता है। विंटर सॉलस्टिस को साल का सबसे छोटा दिन भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है, जब पृथ्वी का एक ध्रुव सूर्य से बहुत दूर होता है। इस दौरान रातें सबसे लंबी होती हैं। शीतकालीन संक्रांति के बाद, दिन फिर से बड़े होने लगते हैं। दुनिया भर के लोग हजारों वर्षों से शीतकालीन संक्रांति मनाते आ रहे हैं। खगोल विज्ञान के अनुसार, शीतकालीन संक्रांति से तात्पर्य है कि, सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है वह समय जब रातें लंबी और दिन छोटे हो जाएंगे, जिसे लोकप्रिय रूप से शीतकालीन संक्रांति के रूप में जाना जाता है।
शीतकालीन संक्रांति ईसाइयों के लिए भी एक महत्वपूर्ण उत्सव है। यह 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह भी विंटर सोलस्टिस के आसपास होता है। इस दिन ईसाइ धर्म के लोग ईसा मसीह का जन्मोत्सव मनाते हैं, दुनिया भर में लोग इसे अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं। शीतकालीन संक्रांति उत्सव में अलाव, दावत, गायन, नृत्य शामिल होता है और लोग अपने प्रियजनों के साथ समय बिताते हैं और जश्न मनाते है। यह पृथ्वी की वह स्थिति है जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। इस स्थिति में उत्तरी ध्रुव सूर्य से दूर झुका हुआ होता है। इस कार्यक्रम को छात्र छात्राओं को दिखाने के बाद विज्ञान अध्यापिका गीता यादव ने सभी छात्र छात्राओं को साल में होने वाले सबसे बड़े दिन, सबसे छोटे दिन, सबसे बड़ी रात, सबसे छोटी रात के बारे में बताया, और छात्र छात्राओं से इस खगोलीय घटना से जुड़े प्रश्न भी किये। इस कार्यक्रम को दिखाने में विद्यालय की तरफ से रुखसाना बेगम, रिम्पल सिंह, रुचि दिवाकर का सहयोग रहा। आपको बता दें कि बेसिक के विद्यालयों में जब से स्मार्ट टी वी आई हैं, बेशिक के बच्चे इन स्मार्ट टी वी से दिखाये जाने वाले ज्ञान विज्ञान के कार्यक्रमों से बहुत कुछ आसानी से सीख पा रहे हैं।