वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
महंत जगन्नाथ पुरी ने विधिवत करवाया पूजन।
कुरुक्षेत्र, 3 फरवरी : मारकंडा नदी के तट पर श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में शनिवार को सूर्य पुत्र शनि देव का विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं तेलाभिषेक किया गया। इससे पूर्व माघ महीने की अष्टमी पर संत महापुरुषों व श्रद्धालुओं द्वारा श्री महालक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र पाठ व पूजन किया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि देवी मां महालक्ष्मी का अत्यंत प्रिय स्त्रोत है। इस स्त्रोत को सबसे पहले देवराज इंद्र द्वारा पढ़ा गया था। इतना ही नहीं इस स्त्रोत के रचयिता भी इन्द्र देव ही है। इस स्त्रोत के पाठ से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है और धन धान्य प्रदान करती हैं। जो व्यक्ति सुख समृद्धि और धन के अभाव में रहता है उसे नियमित श्री महालक्ष्मी अष्टकम् स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, दर्शन, कमलकांत, संध्या देवी, कुलजीत एवं रागिनी भी मौजूद रहे।
शनि शिला पर पूजन करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।