आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान में मनाया गया राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन दिवस।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के स्नातकोत्तर कौमारभृत्य विभाग में शनिवार को राष्ट्रीय कृमि उन्मूलन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों व उनके अभिभावकों को कृमि से बचाव की जानकारी दी गई और बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में बताया गया। विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमित कटारिया ने बताया कि पेट में कृमि होने के कारण बच्चों में पोषक तत्व व खून की कमी हो जाती है, जिससे कि उनकी स्कूल में अनुपस्थिति बढ़ जाती है इसके साथ ही उनका शारीरिक व मानसिक विकास अच्छे से नहीं हो पाता। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कृमिमुक्त देश व प्रदेश बने, बच्चो में खून की कमी दूर होगी, जिससे बच्चों की स्कूल में उपस्तिथि में सुधार आता है।
भविष्य में कार्य दक्षता एवं औसत आय बढ़ोतरी से सामुदायिक विकास होता है। इस दिवस में अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित कर के हम एक उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को कृमिनाशक दवा का सेवन करना बहुत जरूरी है ताकि वह रोग मुक्त रह सके। इस दवा का सेवन हर 6 माह पर किया जाना चाहिए। विभागाध्यक्ष डॉ. शंभु दयाल शर्मा ने बताया कि कृमि मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए अभिभावकों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उनके सहयोग से बच्चो को विडंगादि लौह और कृमिमुद्गर रस वितरित की गई। इस मौके पर डॉ. उपासना, डॉ. श्रुति, डॉ. रितु, डॉ. नीरजा, डॉ. श्रुति, डॉ. अभिषेक व डॉ. पूर्णिमा उपस्थित रहे।