वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुवि के ललित कला विभाग में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी ‘मंथन’ का हुआ शुभारंभ।
कुरुक्षेत्र, 19 फरवरी : कला अभिव्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम होता है जिसके द्वारा कलाकार अपने मनोभावों को साकार रूप में प्रदर्शित करता है। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने सोमवार को ललित कला विभाग में तीन दिवसीय एकल कला प्रदर्शनी ‘मंथन’ के उद्घाटन के दौरान बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। इस अवसर पर कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कलाकार छात्र अनूप से उसके विषय के विभिन्न तकनीक और बारीकियों के बारे में बातचीत करते हुए प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि छात्र ने अपनी कलाकृति को सजीव रूप से प्रदर्शित करके एआई का सर्वोत्तम प्रयोग किया है।
ललित विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राम विरंजन ने कहा कि छात्र ने प्रतीकों का प्रयोग उत्तम प्रकार से किया है।
छात्र अनुप ने बताया कि उनकी रचनाएँ अधिकतर सामाजिक, व्यक्तिगत और सार्वभौमिक विचारों पर आधारित है। जिसमें उन्होंने पदार्थ और चेतना सिद्धांत के बीच संबंध को दिखाया है। कलाकार के अनुसार ब्रह्मांडीय सिद्धांत और भारतीय दर्शन ने उन्हें इस तरह प्रभावित किया है कि उनका मानना है कि दोनों अपने तरीके से आपस में जुड़े हुए हैं।
यह प्रदर्शनी 21 फरवरी तक सुबह 10 से शाम 4 बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी। मौके पर अधिष्ठाता प्राच्य विद्या संकाय एवं विभागाध्यक्ष प्रो. राम विरंजन, डॉ. पवन कुमार, डॉ. राकेश बानी, डॉ. आरके सिंह, सुशील कुमार, आरएस पठानिया, डॉ. आनंद जायसवाल, डॉ. जया दरौंदे, चंद्रिमादास, कुलदीप, सुनील कुमार, रजनी धीमान, अनुप, शौधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।