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निर्मल चेतना में परमात्मा का वास हो सकता है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

निर्मल चेतना में परमात्मा का वास हो सकता है : समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया।

मुरथल, प्रमोद कौशिक 30 जनवरी : समर्थगुरु धाम संस्थान मुरथल हरियाणा के संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया की विशेष कृपा से समर्थगुरु धाम के अनुभवी आचार्य डा. नवकीरत ने बहुत ही प्रभावशाली एवं मनमोहक ढंग से सभी साधकों को संकल्प शक्ति के गहरे सूत्र बताते हुऐ संजीवनी ध्यान का प्रयोग करवाया। प्रतिदिन संकल्प करें कि मैं थोड़ा समय भगवान के ध्यान के लिए अवश्य निकालूंगा। संकल्प शक्ति से प्रतिभा का विकास होता है।
हिमाचल एवं देश की सभी जगहों से, मित्रों ने ध्यान एवं सत्संग का आनंद लिया।
समर्थगुरु संघ हिमाचल की ओर से हर सप्ताह बुधवार को निशुल्क ध्यान व सत्संग का आयोजन होता है। समर्थगुरू संघ हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा एवं मां डॉ. अनीता ने आचार्य एवं मित्रों का धन्यवाद किया।
समर्थगुरू संघ हिमाचल के कॉर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी ने समर्थगुरु धाम के अगामी प्रोग्रामों के लिए मित्रों को निमंत्रण दिया।
सभी साधकों का, स्वामी केतन, स्वामी ऋषभ, मां प्रार्थना और टीम हिमाचल का बहुत-बहुत धन्यवाद किया।
ट्विटर के माध्यम से समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि अगर परमात्मा को जानना है तो इश्क़ में पड़ना होगा, परमात्मा के प्रेम में पड़ना होगा और उसके लिए अपने दिल को साफ करना होगा। अपनी चेतना को निर्मल करना होगा। निर्मल चेतना में परमात्मा का वास हो सकता है। समर्थगुरू धारा एक संपूर्ण गुरुकुल है। यहाँ अध्यात्म और संस्कृति, योग और विज्ञान, ध्यान और धनार्जन, समाधि और प्रज्ञा, ज्ञान और भक्ति सभी आयामों की शिक्षा दी जाती है। प्रथम कार्यक्रम ध्यान योग से अपनी यात्रा शुरू करें। समर्थगुरू धारा में आपका स्वागत है।

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