असफलता से निराश न हों, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुनः प्रयास करें-ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार


असफलता से निराश न हों, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पुनः प्रयास करें-ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
गुरुकुल कुरुक्षेत्र में 12 वीं के छात्रों हेतु फेयरवेल पार्टी का आयोजन। गुरुओं ने छात्रों को दिया उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद।
कुरुक्षेत्र, 7 फरवरी : 2025 -जीवन में मिलने वाली असफलता से निराश न हों बल्कि असफलता को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर दोगुने परीक्षम से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयास करें, आपको सफलता अवश्य मिलेगी। उक्त शब्द आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र में 12 वीं कक्षा के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार ने कहे। उन्होंने एपीजे अब्दुल कलाम, धीरूभाई अम्बानी, विशाल मिश्रा आदि का उदाहरण देकर उनके संघर्ष से सफलता के सफर से प्रेरणा लेने की बात कही। इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान राजकुमार गर्ग, प्राचार्य सूबे प्रताप, व्यवस्थापक रामनिवास आर्य, कॉम्पिटेटिव विंग के राम सर, आचार्य दयाशंकर, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य सहित सभी अध्यापक एवं संरक्षकगण मौजूद रहे। विदाई समारोह में गुरुकुल के वरिष्ठ छात्रों ने स्मृति-चिन्ह भेंट कर गुरुकुल के अधिकारियों को सम्मानित किया।
निदेशक प्रवीण कुमार ने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए निरन्तर प्रयास जरूरी है। कम्फर्ट जॉन से बाहर निकलकर अपने लक्ष्य पर फोकस करें और इसके लिए पूरी ताकत लगा दें क्योंकि आपकी सफलता की गारंटी आपकी स्वयं की मेहनत है, यदि आपके अंदर मेहनत करने का जज्बा है तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। गुरुकुल के वातावरण और बाहरी परिवेश पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गुरुकुल में एक निर्धारित दिनचर्या के तहत आपके जीवन को नई दिशा देने का सफल प्रयास यहां की मैनेजमेंट,अध्यापकों, संरक्षकों की टीम द्वारा किया गया मगर इसके आगे का सफर आपको स्वयं तय करना है और उसमें गुरुकुल के संस्कारांे को हमेशा स्मरण रखना है। गुरुकुल की दिनचर्या और यहां मिले संस्कार आपको जीवन हमेशा उन्नति के मार्ग पर ले जाने में सहायक होंगे। उन्होंने हाल ही में एनडीए एसएसबी हेतु रेकेमेंडिड हुए सभी 09 छात्रों को विशेष रूप से बधाई दी।
इससे पूर्व आचार्य दयाशंकर के ब्रह्मत्व में कक्षा 11वीं व 12वीं के छात्रों ने विशेष अग्निहोत्र के साथ दीक्षान्त समारोह का शुभारम्भ किया जिसमें सभी छात्रों ने बारी-बारी से आहूतियां प्रदान कर राष्ट्र उत्थान और समाज कल्याण की कामना की। यज्ञ के पश्चात् गुरुकुल के सभी अधिकारियों व अध्यापकों ने ब्रह्मचारियों पर पुष्प-वर्षा कर आशीर्वाद दिया। मुख्य संरक्षक संजीव आर्य ने मंच का संचालन करते हुए ‘प्यारे बच्चों भूल न जाना, गुरुओं के संस्कारों को’ गीत सुनाकर छात्रों मंे हमेशा गुरुकुल और गुरुओं के प्रति सम्मान की भावना को जागृत किया। गुरुकुल के ब्रह्मचारी सत्यम् आर्य ने मंच से गुरुकुल में अपनी स्मृतियां को सांझा किया वहीं 11वीं के छात्र कुणाल आर्य ने 12 वीं के सभी छात्रों का अपने सभी साथियों की ओर से आभार व्यक्त किया।