Uncategorized

देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु अब कर सकेंगे कुरुक्षेत्र की पौराणिक अष्टकोसी यात्रा: धुमन सिंह

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र नाभिकमल मंदिर से 28 मार्च को सुबह 4:30 बजे शुभारंभ होगा अष्टकोसी यात्रा का, 365 दिन श्रद्घालु कर सकेंगे यात्रा, वामन पुराण मेंं वर्णन है अष्टकोसी यात्रा के इतिहास का।
केडीबी, सरस्वती बोर्ड, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से शुरू होगी एतिहासिक यात्रा।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच व केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने संस्थाओं के प्रतिनिधियों से यात्रा शुरू करने पर की चर्चा।

कुरुक्षेत्र 20 मार्च : हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि सरकार के प्रयासों से अब देश विदेश से आने वाले श्रद्घालु कुरुक्षेत्र के तीर्थों की ऐतिहासिक एवं पौराणिक अष्टकोसी यात्रा कर सकेंगे। इस यात्रा को ब्रज की 84 कोसी परिक्रमा की तर्ज पर चलेगी। अहम पहलु यह है कि केडीबी, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड, धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रयासों से सरकार के सहयोग से 28 मार्च को कुरुक्षेत्र नाभिकमल मंदिर से सुबह 4:30 बजे अष्टकोसी यात्रा का शुभारंभ होगा।
बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच व केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल वीरवार को देर सायं केडीबी के सभागार में धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के साथ यात्रा को निरंतर सफल बनाने को लेकर चर्चा कर रहे थे। इससे पहले सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अष्टकोसी यात्रा के प्रबंधों, सुविधाजनक बनाने सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की और सुझाव भी आमंत्रित किए। इसके साथ ही सरस्वती के तीर्थ स्थानों व कुरुक्षेत्र में केडीबी के अधीन सभी तीर्थों को सुंदर बनाने पर विचार विर्मश भी किया गया। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि चैत्र चौदस मेले के दौरान 28 मार्च को अष्टकोसी यात्रा शुरू की जाएगी और सभी 12 तीर्थों का भ्रमण करवाया जाएगा। इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे और इस्कॉन संस्था की तरफ से भजन मंडली द्वारा कीर्तन भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने कुरुक्षेत्र के तीर्थ स्थलों की अष्टकोसी यात्रा को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। ब्रज की 84-कोसी परिक्रमा की तर्ज पर, पहली 8-कोस यात्रा 28 मार्च को चैत्र चौदस मेले के साथ आयोजित की जाएगी।
केडीबी के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल ने कहा कि बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार, एक पूरा मार्ग तैयार किया गया है, जिससे भक्तों को विभिन्न तीर्थों (तीर्थ स्थलों) के इतिहास और महत्व का पता लगाने में मदद मिलेगी। कुरुक्षेत्र शहर में लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली 8 कोस यात्रा, 48 कोसी यात्रा की पूर्वपीठिका होगी, जो अंतत: कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत और जींद जिलों के तीर्थ स्थलों तक विस्तारित होगी। कोस यात्रा सुबह 4.30 बजे नाभिकमल तीर्थ दर्रा खेड़ा तीर्थ से शुरू होगी और ओजस घाट, स्थाण्वीश्वर महादेव, कुबेर तीर्थ, क्षीर सागर तीर्थ, दधीचि कुंड, खेड़ी मारकंडा, वृद्घा कन्या, रत्नुक यक्ष-बीड़ पिपली, पावन तीर्थ- सुंदरपुर, ओघटिया घाट पलवल, बाण गंगा दयालपुर, आपगा तीर्थ दयालपुर, भीष्म कुंड नरकतारी, से होकर नाभिकमल तीर्थ पर सम्पन्न होगी।
उन्होंने कहा कि केडीबी के अलावा, हरियाणा सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड (एचएसएचडीबी) और विभिन्न स्थानीय धार्मिक और सामाजिक संगठन इन यात्राओं के आयोजन और प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। कुरुक्षेत्र में अष्टकोसी यात्रा एक नियमित परंपरा थी, लेकिन समय के साथ इसे बंद कर दिया गया। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और तीर्थों और उनके बारे में आगंतुकों को शिक्षित करने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र विकास ब्रांड कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने अष्टकोसी यात्रा को पुनर्जीवित करने का फैसला किया है। इस मौके पर केडीबी सदस्य डा. ऋषिपाल मथाना, अशोक रोसा सहित धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Compare Listings

Title Price Status Type Area Purpose Bedrooms Bathrooms
plz call me jitendra patel