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उत्तराखंड: 7 मई को सभी राज्यों में होगा ‘सुरक्षा मॉक ड्रिल’

उत्तराखंड: 7 मई को सभी राज्यों में होगा ‘सुरक्षा मॉक ड्रिल’

सागर मलिक

‘गृह मंत्रालाय ने सभी राज्यों को प्रभावी नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल का आदेश दिया।’

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद काफी तनाव है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई एक्शन लिए हैं। भारत के कड़े एक्शन से पाकिस्तान बिलबिला उठा है। इस बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के एक अहम निर्देश दिया है।
दरअसल, समाचार एजेंसी ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से बताया कि गृह मंत्रालय ने कई राज्यों से 7 मई को प्रभावी नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने को कहा है।

जानिए गृह मंत्रालय का निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई को देश के सभी राज्यों को एयर रेड सायरन संबंधित मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं। राज्यों को हवाई हमले पर अलर्ट करने वाले सायरन लगाने के निर्देश भी दिए गए। सिविल डिफेंस, छात्रों और नागरिकों को एयर रेड सायरन की स्थिति में बचाव संबंधित ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए गए हैं। किसी तरह के हवाई हमले की स्थित में ये सायरन बजने लगते हैं ताकि लोग आस पास किसी सुरक्षित जगहों पर छुप सकें।

मॉक ड्रिल के दौरान निम्नलिखित उपाय किए जाएंगे

1.हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन

  1. शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों आदि को प्रशिक्षण।

. क्रैश ब्लैक आउट उपायों का प्रावधान

  1. महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं को समय से पहले छिपाने का प्रावधान
  2. निकासी योजना का अद्यतनीकरण और उसका पूर्वाभ्यास
    जानिए मॉक ड्रिल क्या होता है

बता दें कि मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति की तैयारी योजना की समीक्षा करना। इसके अलावा किसी भी स्थान पर मानक संचालन प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना। मॉक ड्रिल के दौरान सभी लोगों को किसी भी इमरजेंसी स्थिति के दौरान एक्शन के लिए तैयार किया जाता है। मॉक ड्रिल के दौरान उस आपात स्थिति के बारे में लोगों को बताया भी जाता है।
मॉक ड्रिल एक प्रकार का ऐसा प्रोसेस है जो आपदा के आने पर कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए यह बताता है।
इस दौरान संभावति गलतियों ओर जोखिमों की पहचान भी की जाती है।
विभिन्न आपदा नियंत्रण विभागों के बीच समन्वय में सुधार भी होता है।

इस दौरान दिखाया जाता है कि कैसे किसी आपात स्थिति में किसी ऊंची इमारत में फंसे लोगों को निकाला जा सकता है।
यह आपदाओं का तुरंत जवाब देने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

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