फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के खिलाफ भाजपा नेता डीएम कार्यालय के सामने दिया सांकेतिक धरना

फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के खिलाफ भाजपा नेता डीएम कार्यालय के सामने दिया सांकेतिक धरना
10 जून की शिकायत पर आनन-फानन में 23 जून को गठित हुई एक मेडिकल बोर्ड
योगी राज में भ्रष्ट व्यवस्था बर्दाश्त नहीं : महेंद्र मौर्य
आजमगढ़। फर्जी मेडिकल बनाने व बनवाने का दोष मढ़ते हुए भारतीय जनता पार्टी के जिलामंत्री व किसान नेता महेंद्र मौर्य अपने ही सरकार के चिकित्सा व्यवस्था से क्षुब्ध होकर मंगलवार को जिला अधिकारी कार्यालय के सामने अम्बेडकर पार्क के पास सांकेतिक क्रमिक धरने पर बैठ गये। जैसे ही इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के जरिये लोगों को हुई तो लोग वहां पर पहुंचे और उनकी समस्या जाना। हालांकि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी सुधि नहीं लिया। उधर, मेडिकल व्यवस्था की कलई खोलने के लिए धरने पर बैठे किसान नेता महेंद्र मौर्या का रवैया को देख आनन-फानन में 23 जून को तीन चिकित्सकों का एक मेडिकल बोर्ड गठन किया है। जिसमे बोर्ड प्रभारी के रूप में डा पीबी प्रसाद आर्थो सर्जन आन काल, डा रामकेवल, ईएमओ शामिल हैं जिन्हें 27 जून तक अपनी आख्या देनी है।
इस बावत जब किसान नेता व भाजपा जिला मंत्री महेंद्र मौर्य से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय में मेडिकल के नाम पर धन ऐंठा जा रहा है, सांठ-गांठ के दम पर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनावाकर शातिर लोग अपना-अपना हित साध कर निर्दोषों को जिन्दगी बर्बाद करने में लगे हुए है। उन्होंने ऐसे कृत्यों से योगी सरकार की बदनामी हो रही है, चिकित्सकीय व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने मेडिकल व्यवस्था पर जमकर सवाल खड़ा किया है। बताया जाता है कि एक मेडिकल रिपोर्ट में जिसे पीड़ित बताया जा रहा है उसे लोग आराम से चलते फिरते देख रहे और उसने अपने मेडिकल का दुरूपयोग कर अपने दूसरे पक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। हालांकि पूरा मामला में न्यायालय में लंबित है, अब देखना है कि 27 जून को जिस मेडिकल रिपोर्ट को फर्जी बताया जा रहा है उस पर मेडिकल बोर्ड द्वारा क्या आख्या दी जाती है। वहीं सोशल मीडिया पर किसान नेता महेंद्र मौर्य के धरने की चर्चा जोरों पर है, महेंद्र मौर्य पहले भी अपने ही सरकार में किसान मुद्दों और मेंहनगर में सरकारी पोखरे के कब्जे को लेकर आवाज उठा चुके है। इतना हीं नहीं, इनकी शिकायत पर एमएलसी रामसूरत राजभर भी सदन में किसान बिंदुओं पर बोलते रहे है। अब देखना यह है भ्रष्टाचार में डूबा चिकित्सा विभाग क्या नया गुल खिलाता है