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उत्तराखंड: विस्मृत योद्धा पुरिया जी अब स्कूलों की किताबों में,सागर मलिक

पुरिया ट्रस्ट के प्रयासों से पाठ्यक्रम में मिली जगह

उत्तराखंड के इतिहास के एक विस्मृत योद्धा पुरिया जी अब प्रदेश के बच्चों की जुबान पर होंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों ने ‘हमारी विरासत व विभूतियां’ पुस्तक का विमोचन किया, जिसमें पुरिया जी के जीवन चरित्र को शामिल किया गया है।
यह पुस्तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी।

15 जनवरी 2024 को प्रदेश सरकार ने राज्य की विरासत और विभूतियों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए एक समिति गठित की थी और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से सुझाव मांगे गए थे।

पुरिया ट्रस्ट के संस्थापक निर्मल नैथानी और अध्यक्ष सुनील नैथानी ने लगातार समिति के अधिकारियों से संपर्क बनाए रखा और ऐतिहासिक साक्ष्य प्रस्तुत किए। छह माह तक निरंतर संवाद और दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण के बाद समिति के पीठासीन अधिकारी सुनील कुमार भट्ट ने फोन पर यह जानकारी दी कि पुरिया जी को पुस्तक में स्थान दे दिया गया है।

ट्रस्ट के संस्थापक और अध्यक्ष के अथक प्रयासों से यह महत्वपूर्ण उपलब्धि संभव हो सकी।

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