भगवान सम भाव से कृपा करते हैं, आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : बांके बिहारी मंदिर में, चल रही श्रीमद् भागवत में, श्री धाम वृंदावन धाम से पधारे आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने, सप्तम दिवस की कथा सुनाते हुए, सुदामा चरित्र की कथा सुनाई और बताया मित्रता हो तो कृष्ण और सुदामा जैसी जिन्होंने समभाव से मैत्री निभाई है, आगे की कथा सुनाते हुए, बताया परीक्षित ने प्रश्न किया, भगवान शंकर के जो भक्त होते हैं वह पैसे वाले होते हैं, और भगवान नारायण की गरीब होते, जबकि वह तो लक्ष्मीपति है, सुखदेव जी ने कहा राजन भगवान कभी भी भेदभाव नहीं करते हैं, एक दैत्य वृकासुर ने, भगवान शंकर की आराधना की वर मांगा, जिसके सर पर हाथ रखे,भस्म हो जाये,शंकर जी ने वरदान दे दिया ,उस दैत्य ने पार्वती पर दृष्टि डाली , भगवान शंकर से कहा, वरदान दो जिसके उसे सिर पर हाथ रखूं, भस्म हो जाए, भगवान ने तथास्तु कर दिया है तथास्तु जब कर दिया है, तो उसने गौरी प्रदूष्टि डाल करके उसने सोचा मन में विचार किया कि यह बुड्ढा यदि मर जाए ,तो यह सुंदर स्त्री हमारी हो जाएगी, वह कहने लगा कि हम आपके ऊपर हाथ रख कर देखेंगे, की वरदान सही है गलत, भगवान ने शंकर ने कहा हमारे ऊपर क्यों अपने ऊपर रखो, शंकर जी भागते रहे सब जगह लेकिन भगवान नारायण ने तब जाकर के ब्रह्मचारी बन करके उसे दैत्य को भस्म किया है, भगवान ने कहा देखो शंकर हर किसी को कलयुग में ऐसा वरदान मत दिया करो, कभी भी वरदान दो तो उसकी परख कर लिया करो, भगवान शंकर यही करते हैं, किसी की परख नहीं करते हैं , भगवान नारायण हमेशा परीक्षा के बाद ही कृपा करते हैं, भगवान तो हमेशा समान भाव से ही कृपा भक्तों पर करते हैं ,इस कथा में वृंदावन धाम से पधारे वरिष्ठ विद्वान संत जन पधारे, जिसमें आचार्य प्रवर करुणा शंकर त्रिवेदी जी, आचार्य श्याम नारायण पाण्डेय जी,सनातन क्रान्तिदूत बृजवासी जगद् गुर कृष्ण कन्हैया पद रेनू जी महाराज, आचार्य राकेश शास्त्री जी महाराज ,आचार्य विष्णु कान्त बृजवासी मंदिर के समस्त पदाधिकारीयों ने उनका भव्य स्वागत किया , जिसमें विजय गुप्ता , विजय बंसल ,अशोक गोयल,राजीव भसीन और भी समस्त पदाधिकारी ने इनका बहुत अभिनंदन किया , कथा के यजमान विक्रांत पटेल रस्मि पटेल ने उनका सम्मान किया , सभी विद्वानों ने अपने-अपने मत प्रकट किए इस मौके भजन गायक जगदीश भाटिया, विनोद खंडेलवाल, रजत राठौर, सीमा, सोनल खंडेलवाल, राघवेंद्र राठौर ,विनीता,शशांक त्रिवेदी अन्य बहुत से लोग पधारे ।