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उत्तराखंड की राजनीति में हलचल तेज़, मंत्री मंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट तेज

उत्तराखंड देहरादून
उत्तराखंड की राजनीति में हलचल तेज़, मंत्री मंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट तेज,
सागर मलिक

देहरादून, 26 अगस्त 2025:
उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार में लंबे समय से लंबित मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट अब तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बहुत जल्द मंत्रिमंडल में बदलाव और विस्तार को अंतिम रूप दे सकता है।

इस बार संभावना है कि नए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी, जबकि कुछ मौजूदा मंत्रियों का प्रदर्शन देखते हुए उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

गढ़वाल-कुमाऊं संतुलन और लोकसभा क्षेत्रों पर जोर

भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में सिर्फ गढ़वाल-कुमाऊं क्षेत्रीय संतुलन ही नहीं, बल्कि लोकसभा क्षेत्रों के आधार पर प्रतिनिधित्व देने का फॉर्मूला लागू किया जा सकता है।

हर लोकसभा क्षेत्र से दो विधायकों को मंत्री पद देने पर विचार हो रहा है।
कुमाऊं मंडल से दो नए चेहरों के शामिल होने की संभावना है।
वर्तमान में पौड़ी लोकसभा क्षेत्र से तीन मंत्री हैं, जबकि टिहरी और नैनीताल से केवल एक-एक मंत्री हैं।

हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का फिलहाल कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जिसे इस विस्तार में संबोधित किए जाने की पूरी संभावना है।
सीएम कैंप कार्यालय में बढ़ी विधायकों की आवाजाही
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री धामी के कैंप कार्यालय और सचिवालय में विधायकों की आवाजाही बढ़ गई है।

सोमवार को कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, विधायक शक्तिलाल शाह, दुर्गेश्वर लाल और रेनू बिष्ट ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
इससे पहले रविवार को देहरादून के राजपुर रोड विधायक खजान दास समेत कई अन्य विधायकों ने सीएम से मुलाकात कर सियासी हलचल को और बढ़ा दिया।
मौजूदा मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा

भाजपा हाईकमान मौजूदा मंत्रियों के कामकाज पर भी नजर बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार, कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को संगठन में शिफ्ट किया जा सकता है।

फिलहाल धामी मंत्रिमंडल में 5 पद खाली हैं।
2022 में सरकार गठन के बाद से ही ये पद रिक्त थे।
2023 में मंत्री चंदन राम दास के निधन और 2025 में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद रिक्तियों की संख्या और बढ़ गई।

किन चेहरों को मिल सकता है मौका?
भाजपा के कई विधायकों के नाम इस बार चर्चा में हैं।

खजान दास, मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, विनोद कंडारी, भरत चौधरी, बंशीधर भगत और राम सिंह कैड़ा के नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं।
खासकर हरिद्वार जिले से प्रदीप बत्रा का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
प्रदीप बत्रा ने कहा – “यह संगठन का निर्णय है, लेकिन जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, उसे मैं पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।”

हाईकमान लेगा अंतिम फैसला
सीएम धामी ने खुद संकेत दिए हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा चल रही है। जल्द ही वे दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात करेंगे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी माना है कि “अब मंत्रिमंडल विस्तार का समय उपयुक्त है।”

2027 विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फेरबदल 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया जा रहा है,

भाजपा नए चेहरों को मंत्रिमंडल में लाकर युवाओं और क्षेत्रीय संतुलन को साधना चाहती है।
मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल की संभावना है, ताकि कार्यभार का सही बंटवारा हो सके।

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