नाटक उजबक राजा से शुरू हुआ उत्थान उत्सव, हास्य नाटक ने लूटी वाहवाही

नाटक उजबक राजा से शुरू हुआ उत्थान उत्सव, हास्य नाटक ने लूटी वाहवाही
उजबक राजा ने गुदगुदाते हुए दिये स्वदेशी अपनाओ का संदेश।
शान बढ़ाने के चक्कर में इज्जत गवां बैठा उजबक राजा।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 27 सितम्बर : हरियाणा कला परिषद और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के संयुक्त सहयोग से न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप द्वारा कला कीर्ति भवन में आयोजित तीन दिवसीय उत्थान उत्सव 2025 के पहले दिन अलकनंदन द्वारा लिखित नाटक उजबक राजा तीन डकैत पर आधारित हास्य रस से भरपूर नाटक उजबक राजा का मंचन किया गया। विकास शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक में कलाकारों ने हंसी के ठहाकों के साथ स्वदेशी अपनाओ का सुंदर संदेश दिया।

इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य डा. सौरभ चौधरी ने की। विशिष्ट अतिथि भाजपा कुरुक्षेत्र की उपाध्यक्षा अनु माल्यान तथा उद्योगपति अनिल मित्तल उपस्थित रहे। मंच का संचालन डा. मोहित गुप्ता ने किया। कार्यक्रम से न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप के सचिव शिवकुमार किरमच, सदस्य नरेश सागवाल तथा धर्मपाल गुगलानी ने अतिथियों को तुलसी के पौधे भेंट कर स्वागत किया।
शान को बरकरार रखने के लिए उजबक राजा ने खुद लुटा दिया राजपाट।
विकास शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक उजबक राजा की कहानी राजा रेशमलाल के इर्द-गिर्द घूमती है। राजा रेशमलाल को तरह-तरह के कीमती वस्त्र पहनना अच्छा लगता है। जिसके लिए राजा राजकोष को प्रजा की भलाई की अपेक्षा अपने वस्त्रों पर अधिक खर्च करता है। एक दिन राजा को सूचना मिलती है कि उनके पड़ोसी राजा देशबंधू उनके साथ फैंसी ड्रैस कम्पीटिशन करने के लिए आ रहे हैं। फैंसी ड्रैस कम्पीटिशन का सुनकर राजा रेशमलाल देश के अलग-अलग राज्यों से दर्जी बुलाते हैं ताकि कम्पीटिशन के लिए शानदार कपड़े बनवा सके। लेकिन राजा को कोई भी स्वदेशी कपड़े पंसद नहीं आते। बाद में राजा रेशमलाल को पता चलता है कि देशबंधू ने विदेशी दर्जियों से कपड़े तैयार करवाए हैं। जिसके कारण राजा रेशमलाल अपने मंत्री से विदेशी दर्जी बुलवाने को कहता है। एक दिन दो ठग विदेशी दर्जी बनकर राजा के पास पहुंचते है और राजा को बताते हैं कि वो राजा के लिए जादू की ड्रैस बनाएंगे, जो केवल खानदारी और रईसों को ही दिखाई देगी, मुर्ख या फटीचर लोग कपड़े को नहीं देख पाएंगे। जादू के सूट के बदले ठग राजा से करोड़ो रुपये ऐंठ लेते हैं। जब रानी को पता चलता है तो रानी ठगों की मशीन को तोड़ देती है। लेकिन ठग राजा को बताते हैं कि रानी ने जलन के कारण राजा के जादू के सूट को खराब कर दिया। जिसके कारण नया सूट बनाने के लिए ठग राजा से और पैसे ले लेते हैं। कम्पीटिशन वाले दिन ठग राजा को नंगा करके सब धन लूटकर ले जाते हैं। जब राजा देशबंधू कॉम्पिटिशन के लिए पहुंचते हैं तो पता चलता है कि वो भी नंगे हैं और उनसे पहले ठग राजा देशबंधु को लूटकर आए हैं। इस प्रकार हास्य रस से भरपूर नाटक ने विदेशी निवेश को छोड़कर स्वदेशी अपनाने पर जोर दिया। नाटक में कलाकारों के अभिनय के साथ-साथ कलाकारों की वेशभूषा तथा संगीत ने भी नाटक को सफल बनाने में सहयोग दिया। नाटक में राजा रेशमलाल का किरदार सूर्यांश चावला, मंत्री हितेश जंगम, रानी रचना अरोड़ा, देशबंधू गौरव दीपक जांगड़ा, विदेशी ठग ऋत्विक अरोड़ा तथा नव्या मेहता बने। नौकरानियों का किरदार वेदिता तथा कनिका शर्मा, दर्जी गौरव व रोहित तथा चौबदार का किरदार प्रिंयाशु बंसल ने निभाया। प्रकाश व्यवस्था पार्थ शर्मा तथा ध्वनि संचालन विकास शर्मा ने किया। अंत में सभी कलाकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम उपरांत अतिथियों को उपहार भेंट कर आभार व्यक्त किया गया।
उत्थान उत्सव के समापन पर नाटक कैन आई से समथिंग का मंचन आज।
न्यू उत्थान थियेटर ग्रुप द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह उत्थान उत्सव के समापन पर आज 28 सितम्बर को नाटक कैन आई से समथिंग का मंचन किया जाएगा। अख्तर अली के लिखे नाटक सुकरात पर आधारित इस नाट्य प्रस्तुति के दौरान 10 वर्ष से कम आयु के दर्शकों का प्रवेश बंद रहेगा। कार्यक्रम का समय साढ़े छह बजे रहेगा।