एम्स रायबरेली में 7 वर्षीय बच्ची के गुर्दे की पथरी का अति सूक्ष्म तकनीक द्वारा सफल ऑपरेशन

रायबरेली
रिपोर्टर विपिन राजपूत
एम्स रायबरेली में 7 वर्षीय बच्ची के गुर्दे की पथरी का अति सूक्ष्म तकनीक द्वारा सफल ऑपरेशन
एम्स रायबरेली के यूरोलॉजी विभाग में 7 वर्षीय बालिका की अल्ट्रा मिनिमली इनवेसिव पर्क्यूटेनियस नेफ्रोलिथोटॉमी (mini Perc) द्वारा गुर्दे की 16 मिमी की पथरी का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया । यह ऑपरेशन सुप्राकोस्टल पंक्चर द्वारा किया गया।
यह तकनीक बेहद जटिल मानी जाती है क्योंकि बच्चों में गुर्दे का आकार छोटा, अत्यधिक भ्रमणशील और एवं अधिक रक्तवाहिनियों वाला होता है तथा गुर्दे में रक्तस्राव की सहनशीलता भी कम होती है। ऐसे मामलों में ज़रा सी लापरवाही से आंत को चोट लगना, फेफड़े में पानी भरना, अत्यधिक रक्तस्राव और संक्रमण जैसी गंभीर जटिलताएँ हो सकती हैं।
बच्ची को बीते एक वर्ष से पेशाब में ख़ून आना, तेज़ कमर दर्द और बार-बार बुखार की शिकायत हो रही थी। उसने कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन आराम नहीं मिला। सब जगह से निराश होकर उसने ऐम्स रायबरेली के यूरोलॉजी ओपीडी में डॉ अमित मिश्रा को दिखाया I जांच करने पर अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन में दाहिने गुर्दे में करीब 16 मिमी की पथरी पाई गई।
पहले चरण में बच्ची का डीजे स्टेंट डाला गया और फिर दूसरे चरण में 9 सितम्बर 2025 को ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और बिना किसी समस्या केगुर्दे की पथरी पूरी तरह निकाल दी गई। चूँकि यह ऑपरेशन अति सूक्ष्म तकनीक द्वारा, सिर्फ 1 सेमी का चीरा लगाकर किया गया इसलिए भविष्य में ऑपरेशन का शरीर पर कोई निशान भी नहीं रहेगा I
ऑपरेशन टीम में सर्जन: डॉ. अमित मिश्रा (यूरोलॉजिस्ट) रेज़िडेंट डॉक्टर: डॉ. अशेष्ता शर्मा, डॉ. उत्सव
एनेस्थीसिया टीम: डॉ. कालीचरण, डॉ. प्रवीन, डॉ. हर्षिता, डॉ. अपेक्षा ओटी नर्सिंग स्टाफ एवं तकनीशियन: श्री जयपाल, सुश्री बीना, सुश्री लक्ष्मी एस शामिल थे ।
बच्ची की ऑपरेशन पूर्व और पश्चात देखभाल में यूरोलॉजी वार्ड में तैनात वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी सुश्री नम्रता, श्री सुमंत, श्रीमती एकता और नर्सिंग अधिकारियों की टीम क्रमशः सुश्री निधि, सुश्री अनामिका, सुश्री सपना, सुश्री आमिशा, सुश्री वंशिता, सुश्री नलेश, सुश्री चेतना, सुश्री आरती, सुश्री विमला, सुश्री शिवानी का विशेष योगदान रहा।
ऑपरेशन के बाद की जाँच में गुर्दे से पथरी पूरी तरह साफ़ पाई गई। वर्तमान में बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है, दर्द मुक्त है और जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। बच्ची के माँ बाप ने एम्स रायबरेली हॉस्पिटल की टीम का इतना जटिल ऑपरेशन इतनी आसानी से करने के लिए आभार व्यक्त किया I उनका कहना है बीमारी की वजह से बच्ची की पढाई में जो रूकावट आती थी अब वह हट गयी है एवं बच्ची सकुशल अपनी पढाई पुनः प्रारंभ कर सकेगी I
यूरोलॉजी विभाग ने अपनी इस सफलता का श्रेय एम्स रायबरेली की कार्यकारी निदेशक को दिया है, जिन्होंने संस्थान में हमेशा मरीजों को उच्चतम सेवा प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन और प्रोत्साहन प्रदान किया है I