आदि कर्मयोगी अभियान ने सँवारा जीवनटमाटर की लालिमा से खिला भविष्य महज 50 हजार के ऋण से शुरू हुआ सफर, मंगली दीदी बनीं महिलाओं की प्रेरणा

कोरिया 25 सितम्बर 2025/ आदि कर्मयोगी अभियान और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) ने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में नई ऊर्जा भरी है। सोनहत विकासखंड के छोटे से गाँव अंगवाही की मंगली दीदी ने इसी योजना का लाभ उठाकर टमाटर उत्पादन के जरिए आर्थिक आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखी है।
बिहान से जुड़ने के बाद मंगली दीदी ने स्व-सहायता समूह के माध्यम से 50 हजार रुपए का ऋण लेकर टमाटर की खेती शुरू की। जैविक खाद और आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर उन्होंने अब तक 200 कैरेट टमाटर का उत्पादन किया और लगभग 80 हजार रुपए की आमदनी अर्जित की है। आने वाले दिनों में उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है, जिससे उनकी आमदनी 1.80 लाख रुपए से अधिक पहुँच सकती है।
ग्राफ्टेड पौधों और जैविक खाद की बदौलत उनके टमाटर बेहतर गुणवत्ता के कारण स्थानीय बाजार में अच्छी कीमत पा रहे हैं। यही वजह है कि आज मंगली दीदी गाँव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं और “लखपति दीदी” अभियान की सशक्त मिसाल भी।
उनका अगला लक्ष्य अन्य सब्ज़ियों की खेती करना और अधिक महिलाओं को इस कार्य से जोड़ना है ताकि पूरा गाँव आत्मनिर्भर बने। इस तरह मंगली दीदी कि किस्मत टमाटर की लालिमा से बदलने लगी है।