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आईटीआई सीबीगंज में मतदाताओं को लोकसभा चुनाव के अनुरूप मतदाता सूची में शामिल करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया जिसमें अधिकांश बीएलओ रहे नदारद
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज ,भारत निर्वाचन आयोग के अंतर्गत अधिक से अधिक मतदाताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अर्हता तिथि 1 जनवरी 2024 के अनुरूप मतदाता सूची में सम्मिलित करने के लिए 4 नवम्बर से विशेष अभियान चल रहा है जिसमें विशेष अभियानों की तिथि शनिवार 2 दिसंबर को भी थी, जिसमें सीबीगंज क्षेत्र के आईटीआई में 3:30 बजे ही अधिकांश बीएलओ नदारद मिले। इस आईटीआई मतदान केंद्र पर अंजू शर्मा, शिखर बसु, प्रेम कुमार मौर्य, कमल सागर, शमा परवीन, तैयबा, योगेश कुमार, अरुण कुमार, रिंपल सिंह, गुरजीत सिंह, बीएलओ के रूप में कार्यरत है। वही उनके बारे में जानकारी लेने के लिए मौके पर उनके सुपरवाइजर आमिर अली खान से बात हुई, तो उन्होंने बताया की बीएलओ फील्ड में गए हैं। जब उनसे पूछा गया आप ऐसे खड़े क्यों हैं, तो उन्होंने कहा आईटीआई के कर्मचारियों ने कुर्सी मेजें बीएलओ से लगभग ढाई बजे ही ले ली थी, इसलिए गाड़ियों पर खड़े होकर कार्य कर रहे हैं, इस बारे में उनसे पूछा गया कि इसकी जानकारी आपने आईटीआई के प्रधानाचार्य को दी, सुपरवाइजर आमिर अली खान ने कहा, नहीं हमने उन्हें जानकारी नहीं दी। उनके कर्मचारियों ने कुर्सियां हटा ली इसकी जानकारी हम नगर मजिस्ट्रेट से करेंगे। इस प्रकरण में इस बीएलओ की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े होते हैं।
पहला सवाल, जब आईटीआई के कर्मचारियों ने उनसे कुर्सी मेंज ले लीं तो वह आईटीआई के प्रधानाचार्य के पास क्यों नहीं गए ?
दूसरा सवाल, जब विशेष अभियान की तिथियों में बूथ पर ही बैठना था, तो वह क्षेत्र में कैसे चले गए ?
तीसरा सवाल, जब अधिकारी बार-बार यह कह रहे हैं कि, किसी भी बीएलओ को कोई परेशानी हो तो वह तत्काल उन्हे फोन लगाए, तो बीएलओ ने अधिकारियों को फोन क्यों नहीं लगाया ?
वही इस मामले पर सुपरवाइजर भी बीएलओ का बचाव करते नजर क्यों आ रहे हैं ? इस मतदान केंद्र पर कितने नए वोट बढ़ाई जा सके हैं और कितने बढ़ाए जाने अभी बाकी हैं इसके बारे में तो अधिकारी ही सही रूप में बता सकते हैं।
इस मामले पर आईटीआई के प्रधानाचार्य का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है आपके द्वारा मुझे जानकारी दी गई है यदि मेरे स्टाफ द्वारा बीएलओ से समय से पूर्व ही जबरन कुर्सी मेज ले ली गई थी। तो बीएलओ को मुझसे संपर्क करना चाहिए था। उनकी ड्यूटी टाइम तक उनको सपोर्ट करना हमारी जिम्मेदारी है।
इस प्रकरण में जब उप जिला अधिकारी सदर बरेली से प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उनके द्वारा बताया गया कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, आपके द्वारा मुझे बताया गया है इस बारे में मैं जांच करवा कर उचित कार्रवाई करूंगी।