मथुरापुर की वृंदावन सिटी कॉलोनी नगर निगम की अनदेखी का शिकार
पार्षद का कहना कॉलोनी के लोग मेरे पास आए ही नहीं
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज ,मथुरापुर की वृंदावन सिटी कॉलोनी की नगर निगम कई वर्षों से कर रहा है अनदेखी, ये कहना हमारा नही, ये कहना क्षेत्र के इस कॉलोनी के लोगों का है। इस कॉलोनी का हाल इतना खराब हो चला है की अब इस कॉलोनी की बदहाली में मथुरापुर स्थित मदरसे ने भी अपनी भूमिका निभानी शुरू कर दी है। इसपर नगर निगम मूकदर्शक बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार नगर निगम के वार्ड 27 के मथुरापुर क्षेत्र में आज से लगभग 7 वर्ष पूर्व एक कॉलोनी वृंदावन सिटी के नाम से विकसित की गई थी। इस कॉलोनी में अब तक विकास के नाम पर कोई काम दिखाई नही देता। यंहा के लोगों को नगर निगम द्वारा कराये जा रहे कार्यों का कोई लाभ मिला हो ऐसा दिखाई नही देता। इस कॉलोनी मे न तो कोई नाली, खड़ंजा, सीसी रोड निर्माण हुआ है। कॉलोनी में अब तकरीबन 40 मकान बन चुके हैं नेशनल हाईवे से 200 मी दूरी पर बनी इस कॉलोनी में लोग विकास कार्यों के लिए तरस रहे हैं। हालांकि नगर निगम द्वारा डोर टू डोर कचरा उठाने वाली गाड़ी इस कॉलोनी में जरूर आती है और रसीद भी काटती है क्योंकि उस नगर निगम के कोश में कुछ न कुछ धन जरूर जमा होता है इसलिए इस गाड़ी का आना इस कॉलोनी में लगा रहता है। आधे से अधिक कॉलोनी बस चुकी है फिर भी कॉलोनी में सड़क, नाली के निर्माण के नाम पर कोई कार्य नहीं कराया गया है। वही इस कॉलोनी के पास ही बने मदरसे ने भी इस कॉलोनी की बदहाली में अपनी भूमिका निभाने शुरू कर दिया है जिसके तहत मदरसे के सीवर लाइन का गंदा पानी कॉलोनी की तरफ छोड़ा जा रहा है। जो कॉलोनी के अंदर कुछ प्लाटों में भर रहा है। तालाब में तब्दील हो गए इन प्लाटों के गंदे पानी की बजह से कॉलोनी का शायद ही कोई घर बचा हो जो संक्रमित बीमारियों से ग्रस्त न हुआ हो।
जल निकासी की कोई मार्ग न होने के कारण पानी खाली प्लाटों में जो कि तालाब की शक्ल में देखे जा सकते हैं वहीं पर सड रहा है। जिससे तरह तरह की बीमारियों से कॉलोनी के लोग ग्रस्त होते चले जा रहे हैं। इन परिस्थितियों को देखकर कॉलोनी वासियों ने कई बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है। लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। हर बार नगर निगम के अधिकारीयों द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाकर प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया जाता है। अब कॉलोनी वासियों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह अपनी शिकायत लेकर जाए भी तो कहां जाएं ? वहीं इस मामले पर जब मथुरापुर के पार्षद धर्मवीर साहू से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि इस कॉलोनी के लोग मेरे पास आए ही नहीं, इसका क्या अर्थ निकलता है। जब वोट की बात होती है तब वह क्षेत्र में गली-गली घूम कर लोगों से अपील करते हैं कि उन्हें वोट दिया जाए और जब विकास कार्यों की बात होती है तो वह हर किसी से उम्मीद करते हैं कि वह उनके कार्यालय या घर पर अपनी फरियाद लेकर आए।