संजय कम्युनिटी हॉल में इधर उधर भटकते मिले बीएलओ सुपरवाइजर

संजय कम्युनिटी हॉल में इधर उधर भटकते मिले बीएलओ सुपरवाइजर

हाल की क्षमता से अधिक पहुंचे बीएलओ सुपरवाइजर

दीपक शर्मा (संवाददाता)

बरेली : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे पुनरीक्षण अभियान को बरेली जिला प्रशासन कितनी गंभीरता से ले रहा है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि जंहा पर इस मीटिंग को बुलाया गया था, उस जगह पर बैठने की व्यवस्था लगभग 800 की ही है, इस मीटिंग में जिन बीएलओ और सुपरवाइरों को बुलाया गया था उनकी संख्या 1812 थी। अब आप खुद ही समझ गए होंगे कि लगभग 800 सीट वाले संजय कम्युनिटी हॉल में 1812 बीएलओ और सुपरवाइर कैसे बैठे होंगे। मीटिंग में आये बीएलओ, सुपरवाइर अपना निर्वाचन का काम इधर उधर बैठे करते मिले। कोई मोटर साइकिल पर अपनी लिस्ट लिए बैठा दिखा, तो कोई अपनी स्कूटी पर! संजय कम्युनिटी हॉल के पीछे लकड़ी के खाली बॉक्स पर बैठे कुछ बीएलओ से हमने पूछा कि क्या काम चल रहा है, तो उन्होंने बताया की पीएसई और डीएसई का कार्य कर रहे हैं।इसी तरह हमने पूरे संजय कम्युनिटी हॉल के चारों तरफ घूम कर देखा तो केवल बाइक, स्कूटी और बीएलओ सुपरवाइजर ही दिखाई दिए। कोई जमीन पर बैठा काम कर रहा था, तो कोई दीवाल के सहारे खड़े होकर अपने मोबाइल के बीएलओ ऐप से पीएसई, डीएसई क्लियर कर रहा था। सभी शिद्दत से कार्य में लगे हुए थे। और क्यों न लगे हों ! क्योंकि उन्हें प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बार-बार भारत निर्वाचन आयोग की अवहेलना करने पर FIR का डर भी तो दिखाया जाता था। हम प्रशासन की मंशा पर सवाल नही खड़े कर रहे हैं, बल्कि हम तो केवल ये बताना चाह रहे हैं, कि इस महत्वपूर्ण कार्य को आज के आधुनिक युग में गूगल मीट, जूम मीट, और यूट्यूव सेशन के माध्यम से भी कराया जा सकता था। मीटिंग में एक्सपर्ट द्वारा सभी पहलुओं पर सरल तरीके से बीएलओ की समस्या का समाधान किया जा सकता था। जिससे बीएलओ और सुपरवाजरों को अपने कार्य क्षेत्र से भाग कर संजय कम्युनिटी हाल नही आना पड़ता, और निर्वाचन जैसा महत्व पूर्ण कार्य भी आसानी से संपन्न हो जाता।
अधिकतर बीएलओ शिक्षा विभाग से जुड़े हुए थे, जो अपने विभाग का कार्य छोड़कर संजय कम्युनिटी हाल का रुख कर गए, जिससे विद्यालयों में शिक्षण कार्य भी प्रभावित रहा। ऐसे ही अन्य विभागों के लोग भी अपना कार्य छोड़कर संजय कम्युनिटी हाल पहुंच गए।

क्या है पीएसई और डीएसई

आपको बता दें कि पीएसई की फुल फॉर्म फोटो सिमिलर एंट्री और डीएसई की फुल फॉर्म डेमोग्राफिक सिमिलर एंट्री है। इस कार्य को सरल शब्दों में समझाएं तो, ये कार्य उन मातदाताओं के लिए किया जा रहा है जिनका नाम एक से अधिक मतदान केन्द्रों की मतदाता सूची में दर्ज है। इस कार्य के बाद अब एक मतदाता का एक ही जगह वोट रह पायेगा, जहाँ वह निवास कर रहा होगा। शेष जगहों से उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जायेगा।

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