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कुरुक्षेत्र,30 दिसंबर :- श्री शिरड़ी साईं सेवा संघ (रजि.) द्वारा कालेश्वर महादेव मंदिर परिसर में स्थापित साईं मंदिर में वीरवार को भक्तों की काफी भीड़ रही। संस्था के अध्यक्ष डा. विजय शर्मा ने शिरड़ी साईं बाबा की महिमा बताते हुए कहा कि सांई आरती में उल्लेख आता है कि जिसका जैसा भाव होता है,उसे हर वस्तु में वैसा ही अनुभव होता है। भावार्थ है कि जैसी हमारी सोच होगी वैसे ही हमारे भाव उत्पन्न होंगे। जैसे हमारे भाव होंगे, वैसे ही हमारे कर्म होंगे। अत: हमेशा सभी जीवों के प्रति हमें अच्छा भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिरड़ी सांई सभी मनुष्यों के ऊंचे-नीचे स्तर व अमीर-गरीब का भेद किए बिना सब पर दया करते थे। यहां तक कि पशुओं के साथ भी वे दया भाव रखते थे। शिरड़ीवासियों के जहन में आज भी साईं की झलक देखने को मिलती है। जब वे द्वार पर खड़े होकर पुकारा करते थे ओ माई, एक रोटी का टुकड़ा मिले और उसे प्राप्त करने के लिए अपने हाथ फैलाते थे। एक हाथ में वे सदा टमरेल लिए रहते तथा दूसरे में एक झोली। कुछ घरों में वे प्रतिदिन जाया करते थे और किसी-किसी के द्वार पर केवल फेरी ही लगाते थे। बाबा इस भोजन को इकट्ठा करके एक कुंडी में डाल देते थे, जहां कुत्ते, बिल्लियां और कौवे इत्यादि स्वतंत्रतापूर्वक भोजन करते थे। बाबा उन्हें कभी हाथ नहीं लगाते थे। बाबा उदार हृदय, त्यागी और धर्मात्मा थे। यद्यपि वे बाहर से चंचल और अशांत प्रतीत होते थे, परंतु अंत करण से दृढ़ और गंभीर थे। उनका मार्ग गहन तथा गूढ़ था। मंदिर में लोगों ने गुरू स्थान की परिक्रमा करके धूनि माई पर सात अगरबत्तियां लगाई।श्रद्धालुओं ने साईं चालीसा व साईं मंत्र का जाप करके धूप आरती में भाग लिया। इस मौके पर पुजारी विजय दत्त तिवारी, सत्यप्रकाश, राजेश्वर ठाकुर, रमन बंसल, गगनदीप आशु , सुषमा, मधु ठाकुर, रेनू मिगलानी, धीरज मैहता, गौरव गर्ग, गगनदीप आशु,परवीन शर्मा, सुनीता सिंगला, शंकरी देवी अनिल अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में साईं भक्तों ने भाग लिया।