श्री अवधूत आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया गुरु पूजन

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
गुरु पूजन में परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज ने दिया आशीर्वचन।
कुरुक्षेत्र, 10 जुलाई : श्री अवधूत आश्रम में गुरु आज गुरु पूर्णिमा पूजन श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। प्रातः 10 बजे आयोजित गुरु पूर्णिमा पूजन पर परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। इस कार्यक्रम में भारी संख्या में आश्रम से जुड़े श्रद्धालु देश विदेश से आश्रम में आकर गुरु पूजन किया।
कार्यक्रम में षडदर्शन साधुसमाज के संरक्षक श्रीमहंत बंशी पुरी जी महाराज, महासचिव महंत ईश्वर दास, संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, महंत गोपाल दास, स्वामी देवी शरण, चंद्र प्रकाश, स्वामी, मंगल मुनि, स्वामी दर्शन दास, स्वामी गणेश दास, स्वामी लक्ष्मीनारायण पुरी, स्वामी गार्गी महाराज, मुनि जी, डॉ. सत्यम कौशिक, वनीता जोशी, मेघा बंगलौर इत्यादि संत समाज और श्रद्धालु मौजूद रहे।
आश्रम परिसर में स्थित ध्यान केंद्र में आयोजित इस पूजन में गुरु जी की पूजा की। महाराज जी ने बताया कि गुरु पूर्णिमा का उत्सव महर्षि वेदव्यास की पूजा के रुप में मनाया जाता है। महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों की रचना की, उन्होंने न केवल वेदों की रचना की बल्कि 18 पुराणों, उप पुराणों, ब्रह्मसूत्र और महाभारत जैसे ग्रंथों की भी रचना की। उन्होंने कहा कि हमारे सनातन धर्म की नींव वेदों पर टिकी हुई है। इसलिए वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास की गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा की जाती है। इस अवसर पर परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज ने गुरु पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला।
आश्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।
परमहंस ज्ञानेश्वर जी महाराज एवं श्रद्धालु।