मधुमेह साइलेंट किलर है, समय-समय पर जांच कराना बेहद जरूरी : प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी दूरभाष – 9416191877
आयुष विवि के आयुर्वेदिक अस्पताल में मधुमेह दिवस पर स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित।
कुरुक्षेत्र : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मधुमेह एक साइलेंट किलर है, इसलिए इसकी समय-समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह नियंत्रण का मूल आधार संतुलित आहार-विहार और सही दिनचर्या है। यदि व्यक्ति जीवन शैली में छोटे-छोटे सुधार करे तो मधुमेह जैसे रोगों से काफी हद तक बचाव संभव है। वे शुक्रवार को विश्व मधुमेह दिवस पर आयुर्वेदिक अस्पताल में आयोजित स्वास्थ्य जांच शिविर को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलसचिव प्रो. बी.एस. तोमर, आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजा सिंगला, काय चिकित्सा विभाग की चेयरपर्सन प्रो. नीलम रानी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नेहा लंबा और स्वस्थवृत्त विभाग की चेयरपर्सन प्रो. सीमा रानी ने किया।
शिविर में काय चिकित्सा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रीति गहलावत और पीजी स्कॉलर डॉ. दिव्या गोयल ने 150 से अधिक मरीजों की स्वास्थ्य जांच की। इनमें से मधुमेह से पीड़ित 90 मरीजों की विशेष जांच की गई। साथ ही, स्वस्थवृत्त विभाग की प्रो. सीमा रानी एवं पीजी स्कॉलर्स ने मरीजों को दिनचर्या, आहार-विहार और व्यायाम के महत्व के बारे में जागरूक किया।
हर 8 में से 1 व्यक्ति मधुमेह का शिकार : प्रो. सिंगला।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजा सिंगला ने बताया कि भारत में मधुमेह तेजी से फैल रहा है। केवल शहरी क्षेत्रों में ही हर आठ में से एक व्यक्ति इससे प्रभावित है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति में अत्यधिक प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, बिना कारण वजन कम होना, लगातार थकान रहना या घावों का देर से भरना जैसे लक्षण हों तो तुरंत शुगर की जांच करानी चाहिए। लंबे समय तक शुगर अधिक रहने पर यह दिल, किडनी, आंखों और पैरों की नसों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
आयुर्वेदिक आहार ही है असली ढाल : प्रो. मेहता
प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता ने मधुमेह रोगियों के लिए आहार संबंधी उपयोगी सुझाव दिए। उन्होंने सलाह दी कि परिष्कृत अनाज जैसे मैदा और सफेद चावल से परहेज करें। इसके स्थान पर ज्वार, बाजरा और मोटा आटा जैसे साबुत अनाज लें। हरी सब्जियां, दालें और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ भरपूर मात्रा में शामिल करें। तले हुए और मीठे खाद्य पदार्थों जैसे जलेबी, गुलाब जामुन, जूस आदि से दूरी बनाएं। रोजाना 30–45 मिनट तक व्यायाम अवश्य करें और शुगर की नियमित जांच कराते रहें। कार्यक्रम में पीजी स्कॉलर डॉ. हिमांशु भूषण प्रधान, डॉ. भारती, डॉ. अद्भुत, डॉ. पूजा सहित अन्य स्कॉलर्स एवं स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।




