मंडल अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने आरोप लगाया है कि मेहनाजपुर पुलिस ने भारी धनराशि लेकर उन पर फर्जी मुकदमा लिखा

आजमगढ़ 22 अगस्त। जिले के कोतवाली देवगांव क्षेत्र से एक बड़ा मामला सामने आया है। दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सामने आए भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रांत सिंह और ब्लॉक प्रमुख पल्हना अनुराग सिंह सोनू ने साहसिक कदम उठाते हुए पीड़िता की हर संभव मदद की।जानकारी के अनुसार, ग्राम चिलवीला निवासी पीड़िता सीता गोंड ने शिकायत दर्ज कराई कि उचिया रसूलपुर निवासी विकास यादव पुत्र रविंद्र यादव ने वर्ष 2022 से उसे शादी का झांसा देकर लगातार शारीरिक शोषण किया। वाराणसी के एक मंदिर में शादी का नाटक रचाकर आरोपी उसे मुंबई भी ले गया और कई महीने तक शोषण करता रहा। बाद में आरोपी ने दूसरी शादी कर ली और पीड़िता को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। 19 अगस्त 2025 को आरोपी ने युवती की हत्या करने की भी कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों के जुटने पर वह मौके से फरार हो गया।घटना की जानकारी होते ही भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रांत सिंह और ब्लॉक प्रमुख सोनू सिंह ने बिना किसी दबाव की परवाह किए पीड़िता का साथ दिया।उन्होंने तुरंत मेहनाजपुर पुलिस और देवगांव कोतवाली में उच्चाधिकारियों को पूरे मामले से अवगत कराया और पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित की। यही नहीं, आरोपियों द्वारा रात में उनके घर पर हमला कर भय का माहौल बनाने की कोशिश भी की गई, लेकिन दोनों जनप्रतिनिधियों ने साहस दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी और आरोपियों को भागने पर मजबूर कर दिया। भागते समय दोनों आरोपी चल रहे मोटर के पट्टे के चपेट में आ गए और घायल हो गए पीड़िता की तहरीर पर मेहनाजपुर पुलिस ने आरोपी विकास यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, क्षेत्र में यह चर्चा जोरों पर है कि पीड़िता की मदद करना मंडल अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को महंगा पड़ा, क्योंकि दबंग आरोपियों ने पुलिस से सांठगांठ कर उनके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया।मंडल अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने आरोप लगाया है कि मेहनाजपुर पुलिस ने भारी धनराशि लेकर उन पर फर्जी मुकदमा लिखा है। उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच हो, ताकि सच सामने आए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।स्थानीय लोगों का कहना है कि विक्रांत सिंह और सोनू सिंह ने जिस बहादुरी से दुष्कर्म पीड़िता की मदद की है, वह काबिले-तारीफ है। समाज को ऐसे ही ईमानदार और साहसी जनप्रतिनिधियों की जरूरत है, जो पीड़ितों के साथ खड़े होकर न्याय की लड़ाई लड़ें।