शराब फैक्ट्री की लापरवाही से क्षेत्र की जनता का स्वास्थ्य खतरे में प्रशासन मौन
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज,सुपीरियर इंडस्ट्रीज (शराब फैक्ट्री) के वॉयलर की चिमनी से धुएं के साथ निकलने वाली राख ने सीबीगंज क्षेत्र के लोगों का जीना दूबर कर रखा है। इस राख से आसपास के लोग तमाम बीमारियों से जूझ रहे हैं। वहीं सड़कों पर आम राहगीर भी इस राख की बजह से रुक कर आँख मलते नजर आते हैं। लोगों को समझ नही आ रहा कि इस राख से उन्हे कब कैसे मुक्ति मिलेगी।
जानकारी के अनुसार सीबीगंज क्षेत्र मैं बनी सुपीरियर इंडस्ट्रीज (शराब फैक्ट्री) की लापरवाही से क्षेत्र के लोगों बहुत परेशान हो गए हैं। क्योंकि इस फैक्ट्री के प्रबंधन से जब भी किसी मुद्दे को लेकर बात की जाती है तब उस मुद्दे पर प्रबंधन उल्टा ही जबाब देता है। धीरे-धीरे ही सही क्षेत्र के लोगों ने अब इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि विरोध की वजह कई हैं, जिनमें से एक मामला अभी कुछ दिन पहले का ही है, जिसमें इस शराब फैक्ट्री ने अपनी फैक्ट्री का गंदा पानी क्षेत्र की लोहिया बिहार कॉलोनी की तरफ मोड़ दिया था। जिसके विरोध में लोहिया बिहार कॉलोनी के लोग उतर आए थे। और फैक्ट्री गेट पर जाकर विरोध किया था। लोहिया बिहार कॉलोनी के निवासियों द्वारा विरोध करने के बाद फैक्टरी प्रशासन मौके पर पहुंचा था, और जैसे तैसे मामले को रफा दफा किया गया। उस समय फैक्ट्री प्रशासन ने उग्र तेवर में आकर स्पष्ट शब्दों में कहा था, कि फैक्ट्री यहां से कहीं नहीं जाएगी आपको दिक्कत है, तो आपने यहां मकान क्यों बनाए। लोहिया बिहार कॉलोनी के लोगों का कहना था, कि फैक्ट्री प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाये हुए हैं। फिलहाल उस समय गंदा पानी रोक दिया गया था।
लेकिन इस बार शराब फैक्ट्री की चिमनी से निकलने वाले धुएं के साथ बॉयलर में जलने वाली भूसी की राख ने क्षेत्र वासियों का जीना दूबर कर रखा है। सीबीगंज कस्वा क्षेत्र व फैक्ट्री के आसपास के घरों की छतो पर भूसी की राख आसानी से देखी जा सकती है। यह राख उड़ते हुए राहगीरों की आंखों में पड़ जाती है, लोगों को रास्ते में रुक कर आँखे मलते हुए देखा जा सकता है। जिससे उनकी आंखों में इंफेक्शन भी हो रहा है। वहीं इस राख से सर्दी के मौसम में क्षेत्र के लोग जब अपनी छत पर धूप लेने, या कपड़े सुखाने के लिए जाते हैं तब कुछ ही देर में कपड़ों पर राख साफ देखी जा सकती है। सीबीगंज क्षेत्र के योगेश सक्सेना ने इस मामले पर कहा कि, इस भूसी की राख से निजात पाने के लिए क्षेत्र की जनता को एकजुट होना होगा और मजबूती से अपनी बात फैक्ट्री प्रवंधन के सामने रखनी होगी। क्योंकि इस राख की बजह से तमाम तरीके की बीमारियों का सामना भी करना पड़ रहा है। खाने की सामग्री भी इस राख की वजह से दूषित होती है, जिसका सेवन करने से लोगों को पेट की समस्याएं हो रही है। इस मामले पर हमने जब फैक्ट्री प्रशासन से वार्ता करने की कोशिश की, तब फैक्ट्री प्रशासन की तरफ से दिनेश मिश्रा ने बताया इस मसले पर हमें कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देंनी है। उनके द्वारा कहे हुए शब्दों से साफ पता चलता है कि वह अपनी उसी रवैये पर कायम है, जिस बात को उन्होंने लोहिया बिहार के लोगों से पानी के मामले में कहा था। अब देखना होगा आगे क्षेत्र के लोग इस मामले पर क्या करते हैं। क्योंकि मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।