श्री जयराम विद्यापीठ में भागवत कथा में पहुंचे पूर्व मंत्री एवं विधायक अशोक अरोड़ा ने परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के साथ किया विधिवत कथा का शुभारम्भ

कुरुक्षेत्र में 1989 से निरंतर भव्य गीता जयंती महोत्सव को आयोजित करने का श्रेय श्री जयराम विद्यापीठ को है: अशोक अरोड़ा।

गीता जयंती महोत्सव पर श्रद्धालुओं की सेवा कर रही है विद्यापीठ : अशोक अरोड़ा।
श्री जयराम विद्यापीठ में कथा स्थल पर पहुंची भागवत कथा शोभा यात्रा, भागवत कथा के पहले दिन पहुंचे अनेकों संत महापुरुष।

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 25 नवम्बर : ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2025 के उपलक्ष्य में देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में भागवत पुराण की कथा प्रारम्भ हुई। कथा के पहले दिन अनेकों संत महापुरुषों व कथा वाचक कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर के साथ थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा एवं परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी भागवत पुराण शोभा यात्रा में कथा स्थल पर पहुंचे। कथा व्यासपीठ पर पूजन के लिए थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा, दिल्ली से ओपी वागले, केसी लाट, स्वामी हरिओम परिव्राजक, स्वामी राजेंद्र सिंह, यजमान धनपति श्योकंद के पुत्र विक्रम श्योकंद, सौरव सच्चर एवं परिवार के सदस्य मौजूद रहे। कथा से पूर्व विद्यापीठ में कथा स्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में सिर पर पवित्र कलश धारण किए महिलाओं का नेतृत्व किया। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी, विधायक अशोक अरोड़ा, कथावाचक कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर, विद्यापीठ के सभी ट्रस्टियों तथा यजमान परिवार द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ व्यासपीठ पर भागवत पुराण को स्थापित किया गया। कथा प्रारम्भ से पूर्व थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि श्री जयराम विद्यापीठ 36 सालों से गीता जयंती के अवसर पर गीता के भक्तों एवं श्रद्धालुओं की सेवा कर रही है। कुरुक्षेत्र, ऋषिकेश, हरिद्वार, वृद्धावन सहित देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षा, आध्यात्म, गौ सेवा इत्यादि क्षेत्रों में संस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न गीता की जन्मस्थली है और यहां गीता की धारा निरंतर बह रही है। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि वह गीता जयंती पर अपने परम पूज्य गुरु प्रात: स्मरणीय ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ही गीता के संदेश को जन जन तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं एवं बच्चों को गीता के माध्यम से अच्छे संस्कार देने की प्रेरणा दी जानी चाहिए। विद्यापीठ का कार्य तो गीता प्रेमियों की सेवा करना है। पहले दिन की कथा में कृष्ण चंद्र शास्त्री ने व्यासपीठ से कहा कि हर मनुष्य को सदा समर्पण के साथ भगवान से जुड़े रहना चाहिए न केवल खुद बल्कि अपने परिजनों को भी जोड़े रखना चाहिए। भगवान की मदद से हर काम आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान की नजर यदि प्राणी पर नहीं है, तो छोटा सा भी काम भी पहाड़ दिखाई पड़ने लगता है, ऐसा भी नहीं है कि मनुष्य के जीवन में कोई दुख नहीं आएंगे जो आपके भाग्य में लिखा है। वो तो होकर ही रहेगा, लेकिन इन दुखों से लड़ना भगवान आसान कर देता है। कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर ने कथा में कहा कि हम सभी के जीवन से मुस्कान दूर होती जा रही है, जो समाज के लिए चिंता का भी विषय है। मनुष्य के जीवन की एक मुस्कराहट कई काम आसान करा देती है। उन्होंने कहा कि जीवन में अपने परिवार में किसी भी प्रकार की अनैतिक कार्य की कमाई को नहीं आने दे यदि आप अपने जीवन में अनैतिक कमाई के प्रवेश को रोकने में सफल रह पाते हैं, तो आपका जीवन सुखमय रहेगा, उन्होंने उपस्थित जनसमूह से भागवत कथा से जुड़े रहने के लिए कहा। पहले दिन की कथा के समापन पर यजमान परिवार ने भागवत आरती के उपरांत प्रसाद वितरण किया। कथा में राजेंद्र सिंघल, सुरेश गुप्ता, केके कौशिक, श्रवण गुप्ता, कुलवंत सैनी, टेक सिंह लौहार माजरा, खरैती लाल सिंगला, राजेश सिंगला, पूर्व सरपंच राजेश शर्मा, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, सुनील गौरी, कुलबीर कौर, सुखमन श्योकंद, हरमन श्योकंद, अनीता देवी, सुविता देवी, कृष्णा देवी, रविना देवी, मलकीत लांबा, महिला मंडल की संगीता शर्मा व संतोष यादव, रणबीर भारद्वाज, जयपाल शर्मा, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ में भागवत कथा के शुभारंभ से पूर्व जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी व यजमान परिवार शोभा यात्रा में सिर पर भागवत पुराण रखे हुए तथा कथावाचक कृष्ण चंद्र शास्त्री ठाकुर, विधायक अशोक अरोड़ा व व्यासपीठ पर पूजन करते हुए।




