भारतीय संविधान में भी गीता की बात निहित : धनखड़

भारतीय संविधान में भी गीता की बात निहित : धनखड़।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

गीता अद्भुत, धार्मिक, भौतिक, दार्शनिक, जीवन दर्शन प्रदान करने वाला ग्रंथः जगदीप धनखड़।
गीता सार्वभौमिक व सर्वकालिक ग्रंथ: मनोहर लाल।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के श्रीमद्भगवद् गीता सदन में वसुधैव कुटुम्बकमः श्रीमदभगवद् गीता और वैश्विक एकता विषय पर आयोजित संगोष्ठी का माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया उद्घाटन।

कुरुक्षेत्र, 17 दिसम्बर : भारत के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि गीता अद्भुत, धार्मिक, भौतिक, दार्शनिक, जीवन दर्शन प्रदान करने वाला व हर समस्या का हल करने वाला व अंदर से मजबूती देने वाला ग्रंथ है। यदि हम गीता के सार को नहीं मानेंगे तो मोह में पड़कर रास्ता भटक जाएंगे इसलिए कर्म करते रहना चाहिए फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। वे रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में केयू आडिटोरियम हॉल में वसुधैव कुटुम्बकमः श्रीमदभगवद् गीता और वैश्विक एकता विषय पर आयोजित 8 वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
इससे पहले भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी, हरियाणा के राज्यमंत्री संदीप सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, असम के संस्कृति मंत्री बिमल बोरा व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया तथा सेमिनार की स्मारिका का विमोचन भी किया। इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कुवि परिसर में पौधारोपण किया।
उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारतीय संविधान में भी गीता की बात निहित है। गीता हमें एकता का पाठ पढ़ाती है इसलिए उसका अनुसरण करना आवश्यक है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत के ईस्टर्न क्षेत्र को विकसित करने के लिए लुक ईस्ट की शुरुआत की गई वहीं 8 वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आसाम को स्टेट पार्टनर के रूप में शामिल किया गया है जो कि नार्थ ईस्ट के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गीता से मार्गदर्शन लेकर दो देशों के बीच युद्ध की स्थिति को आपसी बातचीत से हल करने का रास्ता दिखाया। वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को साकार करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा जी-20 में अफ्रीकी यूनियन को सदस्य बनाया गया। कुरुक्षेत्र से ही गीता का ज्ञान शुरू होता है उसी का अनुसरण करते हुए भारत ने कोविड़ काल में 100 से अधिक देशों की सहायता कर मानवता के कल्याण का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि आज तकनीकी के क्षेत्र में भारत शीर्ष पर है तथा विश्व की 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। भारत की कभी भी विस्तारवादी नीति नहीं रही है। भारत हमेशा सौहार्द, संस्कृति, शान्ति, एकरूपता में विश्वास रखता है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता पुस्तक या ग्रंथ मात्र नहीं बल्कि जीवन का सार है, सार्वभौमिक व सर्वकालिक है। गीता पहले भी सार्थक थी और आज भी सार्थक है और आगे भी सार्थक रहेगी। गीता किसी परिवार, व्यक्ति विशेष, जिला, प्रदेश, दुनिया व देश के लोगों के लिए नहीं बल्कि गीता का महत्व हर किसी के लिए है। गीता शाश्वत संदेश देती है जो मनुष्य के स्वभाव व जीवन के उथल-पुथल व विश्व को शान्ति व सुखी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। गीता के बारे में बोलना सूर्य को रोशनी दिखाने जैसा है। गीता के माध्यम से हम विश्व को दिशा दिखा सकते हैं व शान्ति की स्थापना करने में सहयोग कर सकते हैं। समझ बढ़ाने के लिए व दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए गीता की आवश्यकता है। हमें विश्व को संदेश देना होगा। मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से उन्होंने जापानी का कोर्स किया हुआ है। भाषा लोगों को जोड़ने का कार्य करती है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में जल्द ही इंग्लिश एंड फौरन लैंग्वेजिज़ यूनिवर्सिटी हैदराबाद का विदेशी भाषा सिखाने का क्षेत्रीय केन्द्र खोला जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मंच का उपयोग हमें समस्याओं का समाधान खोजने के लिए करना होगा।
राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि गीता का व्यापक प्रभाव है। गीता यदि प्रेरणा है तो संहार भी गीता ही है। गीता का 82 भाषा में अनुवाद है जिसमें से 65 भाषाएं भारत से बाहर की हैं। हमारे ज्ञान का प्रभाव बहुत दूर-दूर तक है।
जीओ गीता के संस्थापक एवं प्रणेता स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि युद्ध की भूमि में अशान्ति के माहौल में शान्ति का संदेश गीता है। आज विश्व में तनाव, दबाव, दुर्भाव, अशान्ति, समस्याएं, अराजकता बढ़ रही है जिसका समाधान गीता में है। हमें गीता के मार्ग को अपनाना होगा। यह पूरे विश्व की आवश्यकता है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गीता में खोज और जिज्ञासा की भावना निहित है। वसुधैव कुटुम्बकम श्रीमदभगवद् गीता और वैश्विक एकता विषय पर आयोजित इस 3 दिवसीय संगोष्ठी में 12 तकनीकी सत्रों में विभिन्न देशों के विद्वानों के साथ हमारे देश के चिंतकों के साथ चर्चा करेंगे और इस संगोष्ठी को सार्थक बनाएंगे।
इस मौके सांसद नायब सैनी, राज्यमंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, डॉ. ममता सचदेवा, प्रो. शुचिस्मिता, उपायुक्त शांतनु शर्मा, एडीसी एसपी सुरेन्द्र भौरिया, कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, सुमिता शर्मा, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. दिनेश गुप्ता, प्रो. वनिता ढींगरा, केडीबी के मानद सदस्य उपेन्द्र सिंघल, मदन मोहन छाबड़ा, सौरभ चौधरी, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. अनिल वशिष्ठ, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. सुनील ढींगरा, प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. अनिल गुप्ता, डॉ. दीपक राय बब्बर सहित डीन, डायरेक्टर, विभागाध्यक्ष, प्रिंसीपल, शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ब्रह्मसरोवर पर हरियाणा पवेलियन का किया शुभारंभ
हरियाणा पैवेलियन को देखकर अभिभूत हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़।
अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में हरियाणा पैवेलियन को देखकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अभिभूत हो गए। माननीय उपराष्ट्रपति ने रविवार की सांय हरियाणा पैवेलियन का विधिवत रूप से उद्घाटन किया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा व कुलसचिव प्रोफेसर संजीव शर्मा ने माननीय उपराष्ट्रपति का हरियाणा के पैवेलियन में पहुंचने पर स्वागत किया। इस अवसर उन्होंने हरियाणा पैवेलियन का अवलोकन किया और प्रत्येक स्टॉल पर बहुत बारीकी से जानकारी ली। इसके साथ साथ उन्होंने पैवेलियन में खाट पर बैठकर बातचीत की। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद डी पी वत्स, राज्यमंत्री संदीप सिंह, प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. महासिंह पूनिया सहित अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गृह विभाग के छात्रों व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों से विशेष रूप से बात की। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने मुख्य अतिथि को हरियाणवी पिड्डा देकर सम्मानित किया। हरियाणा की समृद्ध लोक संस्कृति व विकसित हरियाणा को देखकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अत्यंत प्रसन्न दिखाई दिए। इससे पहले रविवार सुबह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में ब्रह्मसरोवर पर बनें हरियाणा पैवेलियन की यज्ञशाला का आहुति डालकर विधिवत उद्घाटन किया।

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