ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के प्रोफेसर को शीर्ष माइक्रोबायोलॉजी पुरस्कार

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के प्रोफेसर को शीर्ष माइक्रोबायोलॉजी पुरस्कार।

ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न संवाददाता – विनायक कौशिक।
छाया – सिद्धिमा।

ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया के एक भारतीय मूल के प्रोफेसर को स्थलीय जीवन की समझ और वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए सूक्ष्म जीव विज्ञान का उपयोग करने के लिए 2023 के डोरोथी जोन्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में हॉक्सबरी इंस्टीट्यूट फॉर द एनवायरनमेंट के माइक्रोबियल फंक्शनल इकोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक विशेषज्ञ ब्रजेश सिंह को पिछले महीने लंदन में ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) हाउस में पुरस्कार प्रदान किया गया था।
सिंह का मौलिक शोध पर्यावरणीय गिरावट और खाद्य असुरक्षा सहित वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करता है। इसके लिए उन्होंने मिट्टी की विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र कार्यों के बीच मात्रात्मक संबंधों की पहचान करके और यह पता लगाया कि ये प्राकृतिक और मानवजनित दबावों से कैसे प्रभावित होते हैं। पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार, उनके शोध के निष्कर्षों ने, मिट्टी के सूक्ष्मजीव और जीव-जंतुओं की मिट्टी की जैव विविधता और प्रमुख पारिस्थितिकी तंत्र कार्यों और सेवाओं के बीच कारण संबंध की पहचान करते हुए पारिस्थितिकी तंत्र विज्ञान के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को उन्नत किया है।
शोध के निष्कर्षों ने क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कई नीतिगत निर्णयों की भी जानकारी दी है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया, और भारत तथा यूरोपीय संघ दोनों के बीच कृषि व्यवसाय और व्यापार में द्विपक्षीय जुड़ाव के लिए प्रमुख सिफारिशें प्रदान करना शामिल है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि उन्होंने मौजूदा माइक्रोबियल उत्पादों की प्रभावकारिता को बढ़ावा देने के लिए नवाचार विकसित किए हैं और ऑस्ट्रेलिया तथा दुनिया भर के उद्योगों के लिए मिट्टी और पौधों के माइक्रोबायोम में हेरफेर करने के लिए नए उपकरण प्रदान किए हैं।
सिंह वर्तमान में किसानों, सलाहकारों और नीति सलाहकारों को टिकाऊ कृषि और सतत विकास लक्ष्यों में प्रशिक्षित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) सहित कई सरकारी और अंतर- सरकारी निकायों के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा, वह कृषि प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ावा देने और विश्व स्तर पर पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ खाद्य सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एफएओ की वैश्विक मृदा साझेदारी के साथ काम करते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में स्थानांतरित होने से पहले स्कॉटलैंड में अपने ज्ञान को निखारने में 10 साल बिताने के बाद, सिंह जैव-अर्थव्यवस्था में उत्पादकता बढ़ाने पर यूरोपीय आयोग को भी सलाह दे रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलियाई विज्ञान अकादमी; ऑस्ट्रेलिया की मृदा विज्ञान सोसायटी; अमेरिका की मृदा विज्ञान सोसायटी और अमेरिकन एकेडमी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी के फेलो हैं, और हम्बोल्ट रिसर्च पुरस्कार से सम्मानित हैं।

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