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बाल विवाह रोकथाम एवं पोषण देखरेख के क्षेत्र में जांजगीर चांपा जिला रहा अव्वल

पोषण सशक्तिकरण एवं संरक्षण में उल्लेखनीय कार्य

महिला एवं बाल विकास विभाग की 25 वर्ष की उल्लेखनीय उपलब्धि

 जांजगीर चांपा 07 नवम्बर 2025/ छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग ने समाज के सर्वांगीण विकास की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। जिले में पिछले 25 वर्षों में विभाग ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण, महिला सशक्तिकरण तथा बाल संरक्षण के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं।
पोषण एवं आईसीडीएस की सेवाएँ –
      वर्ष 2000 में अविभाजित जिले में 981 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित थे, जो बढ़कर वर्ष 2025 में 1369 हो गए हैं। इन केन्द्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन प्रयासों से कुपोषण की दरों में कमी आई है जिले में कुपोषण दर में वर्तमान दर 8.89 प्रतिशत तक पहुँची है।
माता एवं शिशु का समग्र विकास –
      प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक 21483 से अधिक गर्भवती महिलाओं को लाभ प्राप्त हुआ है। वहीं मार्च 2024 से प्रारंभ महतारी वंदन योजना के तहत वर्तमान में 2 लाख 83 हजार 704 महिलाएँ लाभान्वित हो रही हैं। इन योजनाओं ने मातृ स्वास्थ्य और नवजात शिशुओं के पोषण में सकारात्मक सुधार लाया है।
कन्या विवाह एवं नारी सशक्तिकरण –
      जिले में वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से 180 जोडों को लाभ मिला है। एवं 2025 में वर्तमान तक 75 जोड़ों को लाभ मिला महिलाओं की सुरक्षा एवं सहायता हेतु सखी वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन (181) और महिला थानों की स्थापना की गई है। जिले में 780 महिला स्व-सहायता समूह पूरक पोषण आहार कार्यक्रम का संचालन कर रही हैं, जिससे महिलाएँ आत्मनिर्भर बन रही हैं।
बालको की देखरेख एवं संरक्षण –
       मिशन वात्सल्य बाल संरक्षण समिति, बाल कल्याण समिति जिला बाल संरक्षण इकाई चाईल्ड लाइन एवं जेजे एक्ट के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सतत प्रयास किए जा रहे हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत विभिन्न जन जागरूकता कार्यशाला एवं स्कूल स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं सत्र 24-25 में कुल 40 बाल विवाह रोका गया बाल बाल कल्याण समिति में शुरुआत से अब तक बच्चों के  3338 पर विचार कर 3276 प्रकरणों में बच्चों का परिवार में पुनर्वास किया गया है 62 बच्चों को संस्थागत संरक्षण प्रधान किया गया है। पोषण देखरेख में 10 बच्चों को संरक्षण प्रदान कर जिला प्रथम स्थान पर है स्पॉन्सरशिप योजनान्तर्गत 100 बच्चे लाभान्वित है
रजत महोत्सव अंतर्गत आयोजित गतिविधियां –
      जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती अनीता अग्रवाल ने बताया छत्तीसगढ रजत महोत्सव के अवसर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही है वर्तमान दिनांक तक 1330 कार्यक्रम संबंधी पोर्टल पर जानकारी दर्ज की जा चुकी है।
सशक्त नारी – स्वस्थ बालक – समृद्ध समाज –
       पिछले 25 वर्षों की इस यात्रा में महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले की महिलाओं और बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में अहम भूमिका निभाई है। निरंतर नवाचार और सेवा भाव के साथ विभाग ने सामाजिक विकास की नई मिसाल कायम की है।
स/क्र 03

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