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जीवन में कर्म ही सर्वोपरि : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

शिक्षकों व कर्मचारियों के सम्मान में बैठक आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 5 मई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि इंसान के लिए कर्म सर्वाेपरि है जो बिना रुके लगातार कर्म करता है वह लक्ष्य तक पहुंचता है। श्रीकृष्ण ने भी यही संदेश दिया है। विश्वविद्यालय के हित को सर्वोपरि रखकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों ने स्वदेशी शोध संस्थान, नई दिल्ली तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान केन्द्र में “विजन 2047ः समृद्ध और महान भारत” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सराहनीय कार्य किया है जिससे सम्मेलन सफल हुआ है। कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा मंगलवार को कमेटी रूम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की ओर से नई दिल्ली में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल हुए शिक्षकों व कर्मचारियों की टीम के सम्मान में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने सभी शिक्षकों व कर्मचारियों से तीन दिवसीय सम्मेलन में उनके अनुभव साझा किए व सभी के कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में करीब 900 से अधिक शोध प्रस्तुत किए गए व गणमान्य लोगों ने भागीदारी की। शिक्षकों व कर्मचारियों ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन के लिए उनका आभार प्रकट किया व आगे भी इसी उत्साह व जोश से कार्य करने की बात कही। सभी ने कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को पौधा भेंट कर उनका धन्यवाद प्रकट किया।
इस मौके पर प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. विवेक चावला, प्रो. महासिंह पूनिया, प्रो. सुशील शर्मा, डॉ. राजन शर्मा, डॉ. सलोनी दिवान, डॉ. अजय सोलखे, डॉ. जे.के चंदेल, डॉ. महेश, बलजीत, अजमेर, नरेन्द्र निम्मा, जितेन्द्र जौहर, नीरज, सौरभ आदि मौजूद थे।

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