अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में केयू बना हरियाणवी संस्कृति का संवाहक
अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में केयू बना हरियाणवी संस्कृति का संवाहक।
केयू हरियाणा धरोहर संग्रहालय ने दिया सरस्वती नदी को स्वच्छ रखने का संदेश।
कुरुक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 29 जनवरी : तीर्थ स्थल पिहोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 2025 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में केयू व हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड ने संयुक्त तत्वावधान में हरियाणा पवैलियन के माध्यम से पवित्र सरस्वती नदी को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया। इस अवसर पर म्हारा हरियाणा पवैलियन के माध्यम से केयू धरोहर संग्रहालय ने सुन्दर एवं आकर्षक झांकियां प्रदर्शित की हैं जो युवा पीढ़ी को हरियाणा की समृद्ध लोक कला एवं संस्कृति से जुड़ने का अवसर प्रदान कर रही है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव 29 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक चलेगा जिसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा पवैलियन के माध्यम से हरियाणवी संस्कृति का संवाहक बना है।
जहां एक ओर प्रदर्शनी के माध्यम से कुरुक्षेत्र धरोहर हरियाणा संग्रहालय गंगा जी के प्यार में, सरस्वती कंठार में, श्री जमुना घागर धार में, म्हारा बसे देश हरियाणा का पवित्र संदेश दे रहा है वहीं दूसरी ओर बेटी के जन्म पर छठी उत्सव मनाने तथा पर्यावरण संरक्षण को लेकर पराली न जलाने का भी संदेश दे रहा है।
इस अवसर पर हरियाणा पवेलियन में प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड के अध्यक्ष अमरपाल राणा, गऊ सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभगवान शर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शनी हरियाणवी लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित है। इसके साथ ही प्रदर्शनी सरस्वती नदी के विषय में यह बताती है कि महाभारत काल में भीष्म पितामह के बाण से गंगा प्रकट हुई तथा हरियाणा सरस्वती नदी के किनारे पर बसा हुआ है।
हरियाणा पवेलियन में प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया है कि हरियाणवी संस्कृति सबसे समृद्ध है, यहां के रीति-रिवाज, परम्पराएं, लोक व्यवहार, काम-धंधे, लोक संस्कृति का कोई मुकाबला नहीं है। एक ओर जहां युवाओं अपनी समृद्ध लोक संस्कृति से परिचित करवाया जा रहा है वहीं युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। प्रदर्शनी में प्राचीन समय में ग्रामीण लोगों द्वारा कृषि उपकरण, रसोई घर में प्रयोग किए जाने वाले बर्तन के साथ-साथ अन्य अन्य धरोहर को प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर हरियाणा पवेलियन के ओवर आल इंचार्ज प्रो. विवेक चावला, केयू धरोहर हरियाणा संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. कुलदीप आर्य, डॉ. हरविन्द्र राणा तथा हरिकेश पपोसा मौजूद रहे।