जयराम कन्या महाविद्यालय में पोस्चरल विकृतियों और उनके सुधार विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
बदलती जीवनशैली, लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठने या खड़े रहने से शरीर में पोस्चरल विकृतियां होती हैं : डा. सरिता चौधरी।
कुरुक्षेत्र, 29 मार्च : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ग्रामीण आंचल की कन्याओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गतिमान सेठ नवरंग राय लोहिया जयराम कन्या महाविद्यालय के रेडक्रास विभाग द्वारा पोस्चरल विकृतियों और उनके सुधार विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डा. सरिता चौधरी असिस्टेंट प्रोफेसर आर्य कन्या कालेज अंबाला कैंट पहुंची।
उन्होंने कहा कि आजकल की बदलती जीवनशैली और लंबे समय तक गलत मुद्रा में बैठने या खड़े रहने की आदतों के कारण शरीर में पोस्चरल विकृतियां बढ़ रही हैं। ये विकृतियां न केवल शरीर के आकार को प्रभावित करती हैं, बल्कि विभिन्न शारीरिक समस्याओं जैसे कि पीठ दर्द, गर्दन दर्द, घुटनों की परेशानी और थकान को भी जन्म देती हैं। इन विकृतियों से बचने के लिए उन्होंने कहा कि बैठते और खड़े होते समय रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। योग, स्ट्रेचिंग और हल्की एक्सरसाइज से मांसपेशियों को मजबूत करें। विटामिन डी और कैल्शियम युक्त आहार हड्डियों को मजबूत बनाए रखता है। महाविद्यालय प्राचार्या डा. सुरेश रावल ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली और सही व्यायाम से पोस्चरल विकृतियों को रोका जा सकता है। उन्होंने मुख्य वक्ता का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम की संयोजिका डा. सुनीता शर्मा को इस आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महाविद्यालय में परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का अवतरण दिवस बड़ी श्रद्धा से मनाया गया। सभी ने बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।
व्याख्यान के अवसर पर मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए एवं छात्राओं की उपस्थिति।