सच्चे भक्त की श्रद्धा एवं आस्था से बंधे होते हैं भगवान : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक
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पंच धूणी अग्नि तपस्या के चौथे दिन जुटी भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़।
कुरुक्षेत्र, 30 अप्रैल : जग ज्योति दरबार में चल रही 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या के चौथे दिन रविवार को भी बड़ी सख्या में श्रद्धालु पहुंचे और अग्नि तपस्या कर रहे महंत राजेंद्र पुरी से आशीर्वाद लिया। तपस्या के चौथे दिन महंत राजेंद्र पुरी जी ने श्रद्धालुओं को सत्संग में बताया कि सच्चा भक्त भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए बड़े से बड़ा कष्ट भी सहन कर लेता है और भगवान भी अपने भक्त को हर कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करते हैं। वास्तव में भगवान सच्चे भक्त की श्रद्धा एवं आस्था से बंधे होते हैं।
महंत राजेंद्र पुरी जग ज्योति दरबार के सेवादारों एवं आए हुए श्रद्धालुओं के कल्याण तथा सुख समृद्धि के लिए कामना की। उन्होंने कहा कि आधुनिकता तो केवल नाम की है सच्ची भक्ति किसी भी युग में की जाए भगवान की कृपा अवश्य प्राप्त होती है। मानव जीवन मोह माया के जाल में फंस कर ही परमात्मा से दूर होता है। मनुष्य की जब इच्छाएं समाप्त होती हैं तो भगवान की निकटता प्राप्त होती है।
महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि वे हर वर्ष सर्वकल्याण के लिए ही 41 दिवसीय पंच धूणी अग्नि तपस्या करते हैं। उन्होंने इस मौके पर मोहिनी एकादशी की कथा भी सुनाई। कहा कि यह बड़ा ही पवित्र अवसर होता है। भगवान श्री कृष्ण की प्रेरणा से धर्मराज युधिष्ठिर ने भी इस अवसर को प्राप्त किया।
जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी तपस्या करते हुए।