![](https://vvnewsvaashvara.in/wp-content/uploads/2023/12/IMG_20231210_171810.jpg)
लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े होकर मायावती ने अपने इस कदम से कौन सी राजनीतिक चाल साधने की कोशिश की है इसे देश के राजनीतिक पंडित भी समझने की कोशिश कर रहे हैं. बसपा के नेता के तौर पर मायावती ने आकाश आनन्द को अपने वोटरों के सामने खड़ा कर दिया है.
लखनऊ. जिस सवाल के जवाब का कई वर्षों से इंतजार हो रहा था, वो जवाब बसपा प्रमुख मायावती ने दे दिया है. बसपा सुप्रीमो ने अपने भतीजे आकाश आनन्द को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है. लखनऊ में बसपा मुख्यालय में देश भर के पदाधिकारियों की बैठक में मायावती ने इसका एलान किया. उनके इस एलान से अब इस कई और सवाल उठ खड़े हुए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या अपनी इस घोषणा से मायावती ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा भी कर दी है ? या फिर लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े होकर मायावती ने अपने इस कदम से कौन सी राजनीतिक चाल साधने की कोशिश की है.
मायावती पर किबात “राइज एण्ड फॉल ऑफ मायावती” लिख चुके अजय बोस ने इसके कई कारण गिनाये हैं. उन्होंने साफ तौर पर इनकार किया है कि अपना उत्तराधिकारी घोषित करके मायावती ने राजनीति से संन्यास ले लिया है. इस कदम से उन्होंने अपने कैडर के पशोपेश को खत्म किया है. बसपा के नेता के तौर पर मायावती ने आकाश आनन्द को अपने वोटरों के सामने खड़ा कर दिया है. दूसरी ओर उन्होंने यूथ को बसपा की तरफ मोड़ने के नजरिये से भी ये कदम उठाया है.
आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर की यूथ में लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ रही है. चन्द्रशेखर की जमात उन्हीं वोटरों की है जो मौलिक तौर पर बसपाई हैं, ऐसे में चन्द्रशेखर की इस सेंधमारी को रोकने के लिए मायावती ने ये कदम उठाया है. हालांकि अजय बोस ने दुखी मन से ये बात कही कि बसपा का हाल भी वही हो गया तो अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का हो गया है. यानी परिवार के पास ही पार्टी की कमान