वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
मनुष्य के कर्म ही समाज में उसका स्थान निर्धारित करते हैं।
कुरुक्षेत्र, 30 जनवरी : श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में पूजन सम्पन्न करवाने के उपरांत अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि मनुष्य को अपने ही कर्मों का फल भोगना होता है। किसी भी मनुष्य के कर्मों का फल दूसरे को प्राप्त नहीं हो सकता है। जिस मनुष्य ने जो कर्म किए हैं। उन कर्मों का फल उसे ही भुगतना होगा। यही कर्म समाज और दुनिया में स्थान निर्धारित करते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन ही कर्मों के लिए होता है। बिना कर्मों के मनुष्य जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है। मनुष्य के जीवन की समाप्ति के उपरांत धन, दौलत और संपत्ति कुछ भी साथ जाने वाला नहीं है। मनुष्य द्वारा अपने जीवन में किए गए कर्मों का फल सदैव साथ रहता है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि जैसा अन्न हम ग्रहण करते हैं वैसा ही हमारा तन- मन होता है। उन्होंने कहा कि किसी को दुख देकर कमाए गए धन से लक्ष्मी की कृपा हासिल नहीं होती है। पैसा आने के बावजूद मन की शांति खो जाती है। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, दर्शन, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, ज्योति एवं सुदेश कुमारी इत्यादि भी मौजूद थे।
महंत जगन्नाथ पुरी।