हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर के मेडिकल ऑफिसर, गैपियो सदस्य, आर एस एस डी आई मेंबर डॉ. आशीष अनेजा ने विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2022 जनता को शिक्षित करने और उच्च रक्तचाप के बारे में जागरूकता हेतु अभियान चलाया। डा. आशीष अनेजा ने बताया कि हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस की थीम है ‘अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जीवित रहें’। डॉ. अनेजा के अनुसार यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ कर इतना अधिक हो जाता है कि अंततः इसकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं जैसे कि हृदय रोग ब्लड प्रेशर वह बलिया सकती है जिसके माध्यम से रक्त शरीर के संचार तंत्र में घूमता है। ब्लड प्रेशर या रक्तचाप दो चीज़ों से निर्धारित होता है – हृदय द्वारा पंप किये गए ब्लड की मात्रा और धमनियों (आर्टरीज) में रक्त प्रवाह के खिलाफ प्रतिरोध (रेजिस्टेंस)। इसलिए आपका हृदय जितना ज्यादा ब्लड पंप करता है और आपकी आर्टरीज जितनी पतली होती हैं, आपका ब्लड प्रेशर उतना ही अधिक होता है। ब्लड प्रेशर सालों तक बिना किसी लक्षण के बढ़ता रह सकता है। इसलिए इस बीमारी को अक्सर “साइलेंट किलर” कहा जाता है। सौभाग्य से हाई बीपी, जिसे मेडिकल भाषा में “हाइपरटेंशन” कहते हैं, का आसानी से पता लगाया जा सकता है ब्लड प्रेशर का मात्रक एमएम एच जी होता है वैसे देखा जाए तो बीपी भी शरीर के लिए आवश्यक होता है क्योंकि यह सफेद रक्त कोशिकाओं प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडीज और इंसुलिन जैसे हारमोंस प्रदान करता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने के लक्षणों में मुख्य रूप से- नाक से खून बहना, सिर दर्द,सांस लेने में दिक्कत,चक्कर आना, सीने में दर्द,मूत्र में खून आना इत्यादि। हाई ब्लड प्रेशर को उसके कारणों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है प्राइमरी और सेकेंडरी। हाई बीपी होने से निम्नलिखित समस्याओं का सामना रोगी को करना पड़ सकता है, जैसे-दिल का दौरा ,धमनीविस्फार
हार्ट फेल होना,आंखों की रक्त कोशिकाओं का कमजोर या संकुचित होना – इससे आंखों की रौशनी जा सकती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम तथा मस्तिष्क सम्बंधित समस्याएं लेकिन स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद, एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ सिगरेट-शराब छोड़कर आप अपने रक्तचाप को कंट्रोल में रख सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर और इसकी जटिलताओं से बचने के लिए स्वस्थ भोजन चुनें। ताजे फल और सब्जियां खूब खाएं। डैश डाइट प्लान रक्तचाप को कम करने के लिए सिद्ध होता है। वजन कंट्रोल में रखें – अधिक वजन या मोटापा होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें – शारीरिक गतिविधि आपको स्वस्थ वजन रखने और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकती है। सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करने की कोशिश करें। यदि आपका बीपी बढ़ा हुआ रहता है, तो डॉक्टर अंतर्निहित बिमारियों का पता करने के लिए परीक्षण करेंगें जैसे – यूरिन, टेस्टकोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग,ईसीजी
ये परीक्षण डॉक्टर को हाई बीपी के अन्य संभावित कारणों की पहचान करने में मदद करते हैं। अंतर्निहित कारण के उपचार के बावजूद कभी-कभी हाई ब्लड प्रेशर लगातार बना रहता है। ऐसे में डॉक्टर आपको जीवनशैली में बदलाव लाने ब्लॉकर को कहेंगे और ब्लड प्रेशर कम करने के लिए दवाएं देंगे। उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कुछ दवाओं में शामिल हैं बीटा ब्लॉकर, मूत्र वर्धक दवाएं, एसीई इन्हीबिटर, एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर और अल्फा -2 एगोनिस्ट। डॉ आशीष इस अभियान के माध्यम से लोगों को इस बात का संज्ञान कराना चाहते हैं कि जीवन शैली में परिवर्तन करके भी इस तरह की समस्याओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है।