परीक्षा के समय विद्यार्थियों के लिए ध्यान और ज्ञान मुद्रा बहुत लाभकारी है : आचार्य डा. सुरेश मिश्रा।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
सोलन : ओशोधारा मैत्री संघ हिमाचल के संयोजक आचार्य डा. सुरेश मिश्रा ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कसौली में विद्यार्थियों और अध्यापकों को परीक्षा में उत्तीर्ण हेतु विशेष सुझाव और ध्यान के बारे में बताया। वर्तमान में ज्यादा रहे भूतकाल को याद मत रखे क्योंकि वर्तमान समय में पढ़ाई करने से ही अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होंगे। यदि ज्ञान मुद्रा को पढ़ाई के समय लगाया जाए तो बुद्धि विकसित रहेगी और याददाश्त अच्छी रहेगी। मोबाइल का प्रयोग कम करे जितनी ज्ञान अर्जित करने में जरूरत है। अपने माता पिता और गुरुजनों का सम्मान करें। परिवार में एक दूसरे का सम्मान करना बहुत जरूरी है। प्रज्ञावन विद्यार्थी ही अब्दुल कलाम जी की तरह वैज्ञानिक बनकर भारत का नाम सारे संसार में फैलाता है। महात्मा गांधी बापू और सुभाष चंद्र बॉस बनकर भारत को आजाद करवाता है। विद्यार्थी ही भारत का आधार हैं।
सनातन धर्म में ध्यान का बहुत महत्व है क्योंकि ध्यान से ही प्रजा विकसित होती है।
उप प्रधानाचार्य परवेश ठाकुर जी के साथ विशेष सनातन धर्म की परिचर्चा हुई । सनातन धर्म के मुख्य प्रवर्तक भगवान शिव ही है। ओशोधारा के भागीरथ जी के अनुसार सनातन धर्म की पुन: स्थापना के लिए 5 जरूरी बातें है।
शक्तिशाली एवं समृद्ध हिन्दू राष्ट्र की स्थापना
जातिमुक्त समाज की स्थापना।
सामुदायिक एकता
सांस्कृतिक एकता
आध्यात्मिक केन्द्रों का विकास
सनातन धर्म की 5 पहचान है।
ॐ को जानें और उसका जाप करें।
ब्रह्म को सर्वव्यापी जानें।
मनसा, वाचा, कर्मणा किसी को चोट न पहुँचाएँ।
प्रतिदिन आरती करें।
आत्मरक्षा के लिए अस्त्र रखें।
उप प्रधानाचार्य परवेश ठाकुर जी और अध्यापक रविंद्र वर्मा जी ने सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों की ओर से समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया, आचार्य डा. सुरेश मिश्रा और ओशोधारा संस्थान का हार्दिक आभार प्रकट किया।