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दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से साध्वी किरण भारती जी ने मनुष्य के जीवन में गुरु के स्थान का महत्व बताया
फिरोजपुर 08 दिसंबर
{कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर जीरा गेट धर्म सिंह कॉलोनी सत्संग कार्यक्रम किया गया। जिसने श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी किरण भारती जी ने अपने प्रवचनों में बताया, कि मनुष्य के जीवन में गुरु का स्थान बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक शिष्य के जीवन में गुरु की आज्ञा सर्वोपरि होती है। गुरु और शिष्य के संबंध में सर्वोपरि नियमों का स्थान होता है। हालांकि यह आज्ञा रूपी नियम कठोर बहुत लगते हैं कभी-कभी निजी आजादी के अवरोधक भी। पर यह सर्व विदित है जो नदी अपने आप को बांध के समक्ष समर्पित कर देती है वही संयमित होकर बिजली उत्पन्न करने में सक्षम हो पाती है। लाखों-करोड़ों लोगों के जीवन में रोशनी का सशक्त कारण बन जाती है। ठीक इसी प्रकार जब एक शिष्य गुरु आज्ञा के बंधन में बंध जाता है उसका शिष्य तो उत्कृष्टता को प्राप्त हो जाता है। साथ ही वह अपने श्रेष्ठ आचरण और व्यक्तित्व से विश्व पटल पर एक ऐसी छाप छोड़ता है। जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाती है।
साध्वी जी ने अपने प्रवचनों के माध्यम से कहा कि जब एक गुरु अपने शिष्य पर कृपा लूटाता है तो वह अपना संपूर्ण भंडार खोल देता है। गुरु कृपा की महिमा शब्दों से परे का विषय है। जिस प्रकार बादल बरसते हैं तो वह कभी ऊंची नीची जगह नहीं देखते वह समान रूप से बरसते हैं। ठीक इसी प्रकार जब गुरु अपनी कृपा लुटाते हैं तो वह भी किसी भी शिष्य के गुण अवगुण ना देखते हुए सब पर अपनी समान कृपा लुटाते हैं। यह शिष्य पर निर्भर करता है कि वह अपने मन रूपी पात्र को योग्य बना पाता है या नहीं। एक योग्य पात्र ही गुरु कृपा को सहेज पाता है। इसलिए एक शिष्य को अपने सद्गुरु की आज्ञा पर चलकर अपने मन रूपी पात्र का निर्माण करना होगा।