अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में दीपोत्सव, संत सम्मेलन और तीर्थ सम्मेलन रहेगा आकर्षण का केन्द्र : पिलानी

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में दीपोत्सव, संत सम्मेलन और तीर्थ सम्मेलन रहेगा आकर्षण का केन्द्र : पिलानी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के मुख्य कार्यक्रम होंगे 17 से 24 दिसंबर तक, असम होगा महोत्सव में पार्टनर राज्य।
समाजसेवी और धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से महोत्सव बनेगा यादगार।

कुरुक्षेत्र 6 दिसंबर : अतिरिक्त उपायुक्त एवं केडीबी सीईओ अखिल पिलानी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में दीपोत्सव, संत सम्मेलन, तीर्थ सम्मेलन, राज्य स्तरीय प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इस महोत्सव को यादगार बनाने में असम का पैवलियन भी अहम भूमिका अदा करेगा। इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक होंगे।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गीता स्थली कुरुक्षेत्र में 18 दिन अध्यात्म, संस्कृति, ज्ञान एवं कला का संगम नजर आएग, 7 दिसंबर से गीता महोत्सव का आगाज होगा, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के 8वें संस्करण में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य मेहमान होंगे। ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता पूजन के साथ महोत्सव की शुरुआत करेंगे, वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि मौजूद रहेंगे। महोत्सव में असम पार्टनर स्टेट होगा, जिसमें असम की संस्कृति, कला एवं खान-पान से लेकर जीवनशैली को प्रदर्शित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप भी मिल चुका है, अभी तक मॉरीशस, कनाडा, आस्ट्रेलिया और लंदन में महोत्सव का आयोजन हो चुका है, वर्ष 2024 में यूएसए में गीता महोत्सव मनाया जाएगा, वहीं श्रीलंका की ओर से भी गीता आयोजन का निमंत्रण भेजा गया है।
संत सम्मेलन में दिया जाएगा नशा मुक्ति का संदेश।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में 22 दिसंबर को संत सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसमें देशभर के संत महात्माओं द्वारा नशा मुक्ति का संदेश दिया जाएगा। हालांकि इस दौरान गीता की महत्ता व अध्यात्म और धर्म से जुड़े मसलों पर भी मंथन होगा। मगर उन्होंने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद से आग्रह किया है कि संत सम्मेलन में नशे के दुष्परिणाम और उससे मुक्ति दिलाने के उपायों को भी सुझाया जाए।
एक लाख दीपों से जगमगाएगा ब्रह्मसरोवर
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का समापन दीप दान के साथ होगा, लेकिन इस बार दीपदान 23 दिसंबर को होगा, जबकि समापन 24 दिसंबर रविवार को होगा। दीपदान को दीपोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। ब्रह्मसरोवर के तट पर एक लाख दीये जगमगाएंगे। इसको लेकर सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ आमजन को आमंत्रित किया गया है।
जिला स्तर पर आयोजित होंगे पांच दिवसीय कार्यक्रम।
प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर 17 से 24 दिसम्बर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। महोत्सव में भारतीय सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद (आईसीसीआर) की भागीदारी भी होगी। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति सम्बद्ध परिषद के सभी 37 केंद्रों पर आनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा तथा विजेताओं को महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र में आमंत्रित किया जाएगा।

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